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    साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल की तबीयत बिगड़ी, अस्‍पताल में भर्ती

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 12:21 AM (IST)

    प्रख्यात साहित्यकार और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता विनोद कुमार शुक्ल गंभीर रूप से अस्वस्थ हैं। वे सोमवार शाम से रायपुर के एमएमआई नारायणा अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं। कुछ दिनों पहले ही उन्हें 30 लाख रुपये की रॉयल्टी प्राप्त हुई थी, जिसके कारण वे चर्चा में थे।

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    साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल की तबीयत बिगड़ी, अस्‍पताल में भर्ती (फोटो- जागरण)

    जेएनएन, रायपुर। प्रख्यात साहित्यकार और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता विनोद कुमार शुक्ल गंभीर रूप से अस्वस्थ हैं। वे सोमवार शाम से रायपुर के एमएमआई नारायणा अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं। कुछ दिनों पहले ही उन्हें 30 लाख रुपये की रॉयल्टी प्राप्त हुई थी, जिसके कारण वे चर्चा में थे।

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    जानकारी के अनुसार, अभी कुछ दिनों पहले घर के आंगन में मुंह के बल गिर जाने से उनकी नाक की हड्डी टूट गई थी, जिसके लिए सर्जरी करवानी पड़ी। दो दिनों तक वे इसी अस्पताल में भर्ती रहे। इसके बाद उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी।

    सोमवार को जब उनके पुत्र शाश्वत उन्हें पुनः एमएमआई नारायणा अस्पताल ले गए और चेकअप करवाया, तो डाक्टरों ने पता लगाया कि उनके फेफड़ों में पानी भर गया है, जिसके कारण सांस लेने में परेशानी हो रही है। स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में भर्ती कर लिया।

    वरिष्ठ लेखक रमेश अनुपम ने फेसबुक पर शेयर करते हुए लिखा है कि खबर मिलते ही अस्पताल पहुंचकर उन्होंने शुक्ल जी से मुलाकात की।

    विनोद कुमार शुक्ल कुछ दिनों बाद ही एक जनवरी को 90 वर्ष पूरे करने वाले हैं। 21 नवंबर को रायपुर में उनके निवास स्थान पर ही उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जाना है। इसके भी हम साक्षी बनें। यह हम सबके लिए गौरवशाली क्षण होगा।

    विनोद कुमार शुक्ल की सुप्रसिद्ध कविता 'सबसे गरीब आदमी की' की कुछ पंक्तियां हैं:

    'सबसे गरीब आदमी की

    सबसे कठिन बीमारी के लिए

    सबसे बड़ा विशेषज्ञ डाक्टर आए

    जिसकी सबसे अधिक फीस हो।'

    हम सब चाहते हैं कि विनोद कुमार शुक्ल जैसे महान कवि के इलाज के लिए भी सबसे बड़ा विशेषज्ञ डॉक्टर आए। छत्तीसगढ़ शासन उनकी चिकित्सा को गंभीरता से लें। आखिरकार विनोद कुमार शुक्ल जैसे कवि-लेखक हमारे राज्य के लिए किसी गौरव से कम नहीं हैं। शासन की यह जिम्मेदारी बनती है।