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हवाई जहाज की तरह ट्रेनों में भी लगेंगे ब्लैक बाक्स, हादसे के बाद दूसरे को दोष देना नहीं होगा आसान

हादसों की सही पड़ताल के लिए ट्रेनों में हवाई जहाज की तरह ही ब्लैक बाक्स लगाया जा रहा है। ट्रेनों के हिसाब से थोड़ा फेरबदल कर इसे डिजाइन किया गया है। रेल मंत्रालय की ओर से पूर्वोत्तर जोन को एलसीवीआर लगाने की अनुमति दी गई है।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghPublished: Sat, 05 Nov 2022 07:37 PM (IST)Updated: Sat, 05 Nov 2022 07:37 PM (IST)
हादसे के बाद दूसरे को दोष देना नहीं होगा आसान

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: हादसों की सही पड़ताल और रिपोर्ट हासिल करने के लिए ट्रेनों में हवाई जहाज की तरह ही ब्लैक बाक्स लगाया जा रहा है। ट्रेनों के हिसाब से थोड़ा फेरबदल कर इसे डिजाइन किया गया है। रेल मंत्रालय की ओर से पूर्वोत्तर जोन को लोको कैब वाइस एंड विजुलअ रिकार्डर (एलसीवीआर) लगाने की अनुमति दी गई है। पहले चरण में करीब तीन हजार डिवाइस लगाए जाएंगे। आगे सभी ट्रेनों में लगाने की तैयारी है।

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इंजन में लगेगा एलसीवीआर डिवाइस

एलसीवीआर को इंजन में लगाया जाएगा, इससे ट्रेन हादसों को रोकने और सफर को आसान बनाने में मदद मिलेगी। लगातार कई हादसों के बाद उसके कारणों की पड़ताल करने वाली टीम के सामने प्रमाण को लेकर दिक्कतें आ रही थीं। ऐसी कई घटनाओं के बाद रेलवे ने हवाई जहाज की तरह ब्लैक बाक्स लगाने का निर्णय लिया, जिसके बाद एलसीवीआर डिवाइस तैयार किया गया।

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फेशियल रिकाग्निशन साफ्टवेयर का होगा इस्तेमाल

मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि इसमें वीडियो एनालिटिक एवं फेशियल रिकाग्निशन साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है। इसमें चंद सेकेंड में ही पूरा डाटा स्कैन हो जाएगा। यह डिवाइस कंट्रोल रूम और ट्रेन के बीच मध्यस्थ की तरह काम करेगा। ट्रेन की सूचना भी कंट्रोल रूम को देगा। ट्रेन के चलने के समय लोको पायलट को ट्रैक की स्थिति, ट्रेन की आवाज एवं कैमरे के माध्यम से इंजन के आसपास की हलचल का पता चलता रहेगा। पूरे संचालन की वीडियो रिकार्डिंग होती रहेगी, ताकि बाद में जरूरत पड़ने पर उसका विश्लेषण किया जा सके।

डीजल-इलेक्ट्रिक दोनो इंजनों में लगेगा डिवाइस

डिवाइस को इस तरह विकसित किया गया है कि डीजल एवं इलेक्टि्रक दोनों इंजनों में लगाया जा सकता है। यह आडियो एवं वीडियो दोनों तरीके से काम करेगा। इससे पटरी के साथ-साथ लोकोमोटिव में ड्राइवर की गतिविधियों पर भी नजर रखना आसान हो जाएगा। आपात स्थिति में 30 सेकेंड तक अगर कोई हलचल नहीं देखी गई तो अलर्ट की लाइट अपने आप जलने लगेगी। अगले दस सेकेंड के अंदर आडियो सूचना आ जाएगी। इसके बाद भी अगर लोको पायलट ने कोई उपाय नहीं किया तो इंजन अपने आप रुक जाएगा।

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