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    भारतीय सेना की पहली महिला जज एडवोकेट जनरल नियुक्त हुई ज्योति शर्मा, देंगी कानूनी सहायता

    भारतीय सेना में पहली बार किसी महिला को जज एडवोकेट जनरल अधिकारी के रुप में नियुक्त किया गया है।

    By Ayushi TyagiEdited By: Updated: Thu, 14 Nov 2019 01:36 PM (IST)
    भारतीय सेना की पहली महिला जज एडवोकेट जनरल नियुक्त हुई ज्योति शर्मा, देंगी कानूनी सहायता

    नई दिल्ली, एएनआइ। पहली बार भारतीय सेना में किसी महिला जज की नियुक्ति की गई है। ज्योति शर्मा को भारतीय सेना की महिला जज एडवोकेट जनरल अधिकारी के रुप में नियुक्त किया गया है। बता दें कि ज्योति शर्मा ने विधि विशेषज्ञ के रुप में पूर्वी अफ्रीकी देश सेशेल्स की सरकार को अपनी सेवाएं देंगी।

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    भारतीय सेना में पहली बार किसी महिला न्यायधीश की नियुक्ती हुई है। ये अपना आप में एतिहासिक है। इससे पहली किसी भी महिला को जज के तौर पर भारतीय सेना में नियुक्त नहीं किया गया था। ज्योति विदेश से जुड़े मामले देखेंगी।

     

    भारतीय सेना जज एडवोकेट जनरल 

    आपको बता दें कि भारत में जज एडवोकेट जनरल अधिकारी का पद सेना के लेफ्टिनेंट को दिया जाता है। ये सेना का न्यायिक प्रमुख होते हैं। भारतीय सेना की जज एडवोकेट जनरल एक अलग शाखा है। इसमें कानूनी रुप से योग्य सेना के अधिकारी शामिल होते है। गौरतलब है कि एडवोकेट जनरल अधिकारी सभी तरह से सेना को कानूनी मदद देते हैं। 

    शादीशुदा महिलाओं को प्रतिबंध

    गौरतलब है कि सेना ने अपनी कानूनी शाखा जज एडवोकेट जनरल में आवेदन करने के लिए विवाहित महिलाओं पर प्रतिबंध लगाया है। इसे लेकर याचिका भी दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में सेना ने अपने पक्ष को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि सेना चाहती है कि महिलाए कठिन ट्रेनिंग को बिना किसी छुट्टी के पूरा करें। 

    सबसे पहले तो आपको बता दें कि इस मामले में लॉ छात्रा कुश कालरा ने याचिका दाखिल कर जवाब मांगा था। जिसपर जवाब देते हुए सेना की ओर से कहा गया कि विवाहिच महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण कारणों से प्रतिबंधित किया गया है। क्योंकि, शादी के बाद उन्हें लंबी छुट्टियों की जरुरत होती है। ऐसे में शादी के बाद वो प्री कमीशनिंग ट्रेनिंग पूरी नहीं कर सकती हैं। हालांकि ये सिर्फ एडवोकेट जनरल के पद तक ही सिमित नहीं, है बल्कि सेना के किसी भी विभाग में शादीशुदा लड़कियों को नौकरी नहीं जी जा सकती है।