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    लेफ्टिनेंट कर्नल तीन लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार, सीबीआई करेगी पूछताछ; हो सकते हैं बड़े खुलासे

    Updated: Sun, 21 Dec 2025 07:05 AM (IST)

    सीबीआइ ने शनिवार को रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत रक्षा उत्पादन विभाग में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा को बेंगलुरु स्थित एक कंपनी से तीन लाख रु ...और पढ़ें

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    लेफ्टिनेंट कर्नल तीन लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार (फोटो- एक्स)

    पीटीआई, नई दिल्ली। सीबीआइ ने शनिवार को रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत रक्षा उत्पादन विभाग में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा को बेंगलुरु स्थित एक कंपनी से तीन लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया।

    एजेंसी ने दिल्ली स्थित उसके आवास से 2.23 करोड़ रुपये नकद और तीन लाख रुपये रिश्वत की रकम जब्त की, जबकि श्रीगंगानगर स्थित उसकी पत्नी के आवास से 10 लाख रुपये बरामद किए। एक कंपनी की ओर से रिश्वत का भुगतान करने वाले विनोद कुमार नामक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया है।

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    सीबीआइ का कहना है कि विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर 19 दिसंबर को उसने दीपक कुमार शर्मा और उसकी पत्नी कर्नल काजल बाली के खिलाफ मामला दर्ज किया। कर्नल काजल बाली राजस्थान के श्रीगंगानगर स्थित 16 इन्फैंट्री डिवीजन आयुध इकाई की कमांडिंग ऑफिसर हैं।

    सीबीआइ के अनुसार, दीपक शर्मा पर आरोप है कि वह रक्षा उत्पादों के निर्माण, निर्यात आदि से जुड़ी विभिन्न निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ आपराधिक साजिश रचता है और लगातार भ्रष्ट एवं अवैध गतिविधियों में लिप्त रहता है। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि दीपक शर्मा ने कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले उनसे रिश्वत ली।

    सीबीआइ को बेंगलुरु स्थित एक कंपनी से रिश्वत के भुगतान के बारे में सूचना मिली थी। राजीव यादव और रवजीत सिंह उस कंपनी का कामकाज देख रहे थे।

    एजेंसी को पता चला कि सिंह और यादव दोनों लेफ्टिनेंट कर्नल शर्मा के नियमित संपर्क में हैं और उसकी मिलीभगत से विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों से अपनी कंपनी के लिए अनुचित लाभ प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।

     

    विनोद कुमार नामक एक व्यक्ति ने उक्त कंपनी की ओर से 18 दिसंबर को दीपक कुमार शर्मा को तीन लाख रुपये रिश्वत का भुगतान किया। सीबीआइ ने गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपितों-दीपक शर्मा और विनोद कुमार को एक विशेष अदालत में पेश किया, जिसने उन्हें 23 दिसंबर तक सीबीआइ की हिरासत में भेज दिया।