हाई रिटर्न के दिखाए हसीन सपने, फ्रॉड से जुटाए 1600 करोड़ रुपये; ईडी ने दायर की चार्जशीट
एलएफएस ब्रोकिंग कंपनी ने मुनाफे का लालच देकर हजारों लोगों से 1600 करोड़ रुपये की ठगी की। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मास्टरमाइंड सैयद जियाजुर रहमान को गिरफ्तार कर लिया है और कोलकाता की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया है। आरोपियों ने फर्जी कंपनियों में निवेश कर हवाला के जरिए पैसा यूएई भेजा और वहां संपत्तियां खरीदीं। ईडी ने अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एलएफएस ब्रोकिंग नामक एक कंपनी के जरिए हजारों लोगों को मुनाफे का लालच देकर योजनाओं में निवेश कराया गया। लोगों को तुरंत रिटर्न का भरोसा दिया गया था, लेकिन एक निवेशक और कंपनी की ओर से किए गए निवेश के जरिए कम से कम 1,600 करोड़ रुपये की ठगी की गई।
प्रवर्तन निदेशालय ने मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है और अब कोलकाता की एक अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। इस घोटाले का मास्टरमाइंड सैयद जियाजुर रहमान इस कंपनी को चलाता था। ये कंपनी बाजार नियामक सेबी के पास पंजीकृत भी थी।
फर्जी फर्मों में निवेश और हवाला का किया इस्तेमाल
इसी नाम से कई अन्य कंपनियां भी बनाई गईं, जैसे एलएफएस ब्रोकिंग, पीएमएस सर्विसेज, आदि। ईडी ने कहा कि आरोपियों ने लोगों से पैसा इकट्ठा किया और उसे फर्जी फर्मों में निवेश किया, फिर कंपनियों और बैंक खातों के एक नेटवर्क के जरिए 'हवाला' जैसे अवैध माध्यमों से यूएई भेज दिया।
इसके बाद आरोपी ने संयुक्त अरब अमीरात में संपत्तियां खरीदीं और सैयद जियाजुर गोल्डस्मिथ कंपनी एलएलसी नाम से एक कंपनी बनाई, जो उसके नाम पर थी। आज, ईडी ने कोलकाता की विशेष अदालत में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आरोप पत्र दायर किया है।
न्यायिक हिरासत में सभी आरोपी
ईडी ने अब तक सैयद जियाजुर रहमान समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपियों में अनरुल इस्लाम, शिशिर कोले, मृणाल कांति पात्रा, दिलीप कुमार मैती और बादल चंद्र संतरा शामिल हैं। सभी आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
जांच एजेंसी ने इससे पहले एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड और उसके सहयोगियों के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें कई बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए थे और 250 से ज़्यादा संपत्तियों की पहचान की गई थी, जिनमें होटल, रिसॉर्ट और अन्य रियल एस्टेट शामिल हैं। मामले की जांच जारी है।
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