आइये जानते हैं अर्थव्यवस्था में करेंसी नोटों का गणित, बढ़ रहा है यूपीआइ से भुगतान
आरबीआइ और केंद्र सरकार का ध्यान अब 200 रुपये के नोटों पर है। आरबीआइ ने बैंकों से एटीएम से दो हजार की जगह दो सौ रुपये के नोट देने को कहा है।
नई दिल्ली। रविवार (एक मार्च) से इंडियन बैंक ने दो हजार रुपये का नोट एटीएम से देना बंद कर दिया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि दो हजार रुपये का नोट एटीएम से नहीं दिया जाए, उसकी जगह दो सौ रुपये का नोट दिया जाए। इसके चलते एक भ्रम तेजी से फैला कि सरकार दो हजार रुपये का नोट बंद करने जा रही है। हालांकि पिछले दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे अफवाह करार दिया। भारतीय अर्थव्यवस्था में 21 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट परिचालन में हैं। आइये जानते हैं अर्थव्यवस्था में करेंसी नोटों का गणित:
पांच सौ का नोट सबसे ज्यादा परिचालन में
इस समय बाजार में चल रहे और बैंकों के करेंसी चेस्ट में सबसे ज्यादा 500 रुपये के नोट हैं। आरबीआइ ने वित्त वर्ष 2018-19 के आंकड़ों में बताया है कि कुल करेंसी नोटों में आधा हिस्सा 500 के नोटों का है।
कीमत में दो हजार के नोट शीर्ष पर
आरबीआइ के 2019 के आंकड़ों के अनुसार सात लाख करोड़ से मूल्य से अधिक है इस समय बाजार में मौजूद दो हजार रुपये के नोटों का मूल्य। आरबीआइ ने तीन वर्ष में 370 करोड़ से अधिक दो हजार रुपये के नोट छापे थे।
200 के नोट पर फोकस
आरबीआइ और केंद्र सरकार का ध्यान अब 200 रुपये के नोटों पर है। आरबीआइ ने बैंकों से एटीएम से दो हजार की जगह दो सौ रुपये के नोट देने को कहा है। इस समय दो हजार 84 हजार करोड़ दो सौ रुपये के नोट बाजार में हैं।
बढ़ रहा है यूपीआइ से भुगतान
मोदी सरकार के डिजिटल भुगतान को बढ़ाने की मुहिम का असर दिख रहा है। यूपीआइ से इस वर्ष हर माह एक लाख 60 हजार करोड़ रुपये का भुगतान इस तरह से किए जाने की उम्मीद है। पिछले साल सबसे अधिक अप्रैल में एक लाख 55 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।
नहीं हो रही दो हजार के नोटों की छपाई
एक आरटीआइ में रिजर्व बैंक ने स्पष्ट रूप से बताया है कि वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही से दो हजार रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई है। 2017 में सबसे अधिक 354 करोड़ नोट, 2018 में 11 करोड़ और 2019 में 4.66 करोड़ दो हजार के नोट छापे गए।
तस्करों को भी पसंद दो हजार का नोट
चार लाख नकली नोट पिछले साल भारत में पकड़े गए, जिसमें 40 फीसद हिस्सा दो हजार के नोटों का था और तस्करों की दूसरी पसंद पांच सौ का नोट था। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के पास इस बात के पुख्ता सुबूत है कि पड़ोसी देश की खुफिया एजेंसी आइएसआइ पाकिस्तान और नेपाल में नकली भारतीय मुद्रा छाप रही है।