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आइए जानते हैं, बजट से पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल को क्‍या है उम्‍मीदें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में केंद्र में राजग सरकार के गठन के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु पहली बार बृहस्पतिवार को पूर्ण रेल बजट पेश करेंगे। प्रभु की छवि सुधारवादी रही है इसलिए उनसे लोगों को काफी अपेक्षाएं हैं। पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल भी कई मुद्दों में कुछ

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Thu, 26 Feb 2015 08:11 AM (IST)Updated: Thu, 26 Feb 2015 12:08 PM (IST)
आइए जानते हैं, बजट से पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल को क्‍या है उम्‍मीदें

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में राजग सरकार के गठन के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु पहली बार बृहस्पतिवार को पूर्ण रेल बजट पेश करेंगे। प्रभु की छवि सुधारवादी रही है इसलिए उनसे लोगों को काफी अपेक्षाएं हैं। पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल भी कई मुद्दों में कुछ को बेहद खास मानते हैं और चाहते हैं कि बजट में उसकी साफ तस्वीर दिखे।

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पूर्व रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे भारत के विकास की रीढ है। लोगों की काफी अपेक्षाएं हैं। लोग चाहते हैं कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा ट्रेनें मिलें और अधिक से अधिक संपर्क व्यवस्था हो। बंसल ने कहा कि बुलेट ट्रेन एक प्रतिष्ठित परियोजना है लेकिन बहुत महत्वपूर्ण नहीं। इसकी लागत काफी होगी, इसलिए इस पर फोकस करने के बजाए यदि हम हाइस्पीड ट्रेनों पर ध्यान केंद्रित करें तो आम लोगों को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पहले दौर में हमें सेमी हाइस्पीड ट्रेनों को चलाने पर जोर देना चाहिए। इसके लिए पांच रूट पहचान की गई थी। इस काम में तेजी लाई जा सकती है।

बंसल ने कहा कि रेलवे को सिग्नल व्यवस्था को आधुनिक बनाने की जरूरत है ताकि जो लाइनें हमारे पास उपलब्ध हैं उनका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाया जा सके। इसके साथ ही माल ढुलाई के लिए अलग लाइन की जरूरत है। पूर्व रेल मंत्री का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में चूंकि कच्चे तेल की कीमत काफी कम हुई है इसलिए यात्री किराए को कम किया जाना चाहिए।

बंसल ने कहा कि यात्री सुविधाओं को बेहतर किया जाना चाहिए। निगरानी में अब भी कमी है, जिसकी वजह से यात्रियों को बहुत असुविधा होती है। रेलवे के पास जगह की कमी नहीं है। ऐसे में बेस किचन, बायो टॉयलेट्स और सुरक्षा के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी अपनाई जानी चाहिए। पैसेंजर ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को लंबी लाइनों का सामना करना पड़ता है। इसका समाधान यही है कि स्टेशनों पर ऑटो जेनेरेटेड टिकट मशीनें लगाई जाएं।

पूर्व रेल मंत्री ने कहा कि सफाई की कमी रेलवे की सबसे बड़ी परेशानी है और इस पर ध्यान देने की सबसे ज्यादा जरूरत है। स्टेशन, पटरियां, टॉयलेट्स और यात्री सुविधा केंद्र गंदगी से भरे होते हैं। हमारे देश में रेल यात्री बहुत ज्यादा हैं। इस कारण यह काम थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं।

बंसल के मुताबिक, तत्काल टिकट में दलाली पर तो पूरी तरह से रोक लग चुकी है। अब सीधे तौर पर यात्री टिकट लेते हैं, जिन्हें तत्काल कहीं जाना है। यदि किसी कारणवश नहीं जा पाते तो ऐसे में उनका टिकट कैंसिल होने पर तत्काल के वेटिंग वाले को स्थान मिल सकता है। कैंसिलेशन में कटौती भले ही थोड़ी ज्यादा हो, लेकिन पैसा वापस होना चाहिए।

बंसल ने कहा कि रेलवे एक बहुत बड़ा संस्थान है। इसमें किस स्तर पर और किस हद तक निजी क्षेत्र की भागीदारी हो सकती है, इसके सभी पहलुओं पर विचार जरूरी है। उन्होंने कहा कि रेलवे की आय बढ़ाने के लिए नए तरीके से सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रेलवे की आय बढ़ाने के लिए नए तरीके से सोचने की जरूरत है। रेलवे से कमाई के अनोखे तरीके सोचने होंगे, जैसे नॉन टैरिफ रेवेन्यू। इसके लिए विज्ञापनों के साथ रेलवे अपनी वेबसाइट पर भी विज्ञापनों पर जोर दे सकता है।

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