लाल दुपट्टे से पहचान बताते थे लश्कर-ए-तैयबा आतंकी
भारत में घुसपैठ करने के लिए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी बॉलीवुड फिल्मों का अनुकरण करते हुए लाल दुपट्टा का सहारा लेते थे। आतंकी शौकत अली बट (36) से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। शौकत, लश्कर कमांडर अबु कासिम से अपने संबंध होने के बात पहले
नई दिल्ली। भारत में घुसपैठ करने के लिए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी बॉलीवुड फिल्मों का अनुकरण करते हुए लाल दुपट्टा का सहारा लेते थे। आतंकी शौकत अली बट (36) से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। शौकत, लश्कर कमांडर अबु कासिम से अपने संबंध होने के बात पहले ही कबूल चुका है।
दरअसल, अदालत ने एनआइए को शौकत का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की मंजूरी दी थी। टेस्ट के दौरान ही शौकत ने बताया, पाकिस्तान से आने वाले आतंकियों को बाबा ऋषि के जंगल में किसी पेड़ में 'लाल दुपट्टा' बांधकर 'हरा दुपट्टा' बंधने तक इंतजार करना होता था। लाल दुपïट्टा भारत में छिपे आतंकियों को घुसपैठियों के आने का संकेत देता था।
मूल रूप से पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) निवासी शौकत को एक सितंबर को एनआइए ने पाकिस्तान निवासी मुहम्मद नावेद की निशानदेही पर गिरफ्तार किया था। नावेद से पूछताछ में ऊधमपुर हमले के बड़े नेटवर्क का पता चला था। शौकत ने नावेद और उसके तीन अन्य साथियों को कश्मीर के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश के बाद एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की व्यवस्था की और सभी को पनाह दी थी।
बट ने प्रश्नकर्ताओं को बताया कि जिस पेड़ पर लाल दुपट्टा बंधा होता था वह उसी पर हरा दुपट्टा बांध देता था। आतंकियों के लिए यह संकेत होता था कि उनसे मुलाकात करने वाला दल आ गया है।
सूत्रों ने बताया कि बट बाबा ऋषि जंगल में घूम रहे नावेद, मोमिन, अबु ओकसा और झारघाम उर्फ मुहम्मद भाई तथा अन्य चार आतंकियों को लेने गया था।
आतंकी गुट के लिए काम करने वाला बट पूर्व में दो बार गिरफ्तार होने से बच चुका है। पहली बार एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उसे सचेत कर दिया था, जबकि दूसरी बार सेना के पहुंचने से पहले ही वह घने जंगल में गायब हो गया था।
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