Lending Apps: कर्ज के लिए बैंक नहीं, लैंडिंग एप्स पर भरोसा कर रहे हैं भारत के लोग, आखिर क्या है वजह
भारत में 10 में से 9 ग्राहक आपात स्थिति में फिनटेक ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। बता दे कि जब लोगों को चिकित्सा कौशल संबंधी और आपात स्थिति में पैसे की जरूरत होती है तो उस वक्त सबसे ज्यादा लोग फिनटेक ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं।

मुंबई, एजेंसी। इंसानों के लिए इंटरनेट किसी वरदान से कम नहीं हैं। आज-कल रोजमर्रा के ज्यादातर काम डिजिटल माध्यम से ही हो रहे हैं। व्यापार से लेकर लोन संबंधी ज्यादातर काम डिजिटल माध्यम से हो रहे हैं। इस समय कई ऐसे एप्स लान्च किए गए हैं, जिनसे लोग डिजिटल माध्यम के जरिए तुरंत और आसानी से लोन ले सकते हैं। इसे फिनटेक लेंडिंग ऐप्स कहा जाता है। समाचार एजेंसी एआएनएस के मुताबिक, भारत में फिनटैक कंपनियां बड़े पैमाने पर लोगों को लोन दे रही हैं। इस प्रक्रिया से कई लोगों को लाभ मिल रहा है। भारत में 10 में से 9 ग्राहक आपात स्थिति में फिनटेक ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। बता दे कि जब लोगों को चिकित्सा, कौशल संबंधी और आपात स्थिति में पैसे की जरूरत होती है तो उस वक्त सबसे ज्यादा लोग फिनटेक ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं।
45 प्रतिशत ने एक ऐप का उपयोग डिजिटल रूप से उधार लेने के लिए किया: सुगंध सक्सेना
फिनटेक एसोसिएशन फार कंज्यूमर एम्पावरमेंट के सीइओ सुगंध सक्सेना ने बताया कि ग्राहकों की ओर से जो प्रतिक्रिया सामने आ रही है उसके अनुसार डिजिटल क्रेडिट, ग्राहकों की महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा कर रहा है। फिनटेक एसोसिएशन फार कंज्यूमर एम्पावरमेंट ने बताया कि दो-तिहाई से ज्यादा यानी 89 प्रतिशत लोगों ने लैंडिंग एप्स पर सकारात्म प्रितक्रिया दी है।
अब तक, 45 प्रतिशत ने एक ऐप का उपयोग डिजिटल रूप से उधार लेने के लिए किया है, जबकि 55 प्रतिशत लोगों ने अपनी क्रेडिट जरूरतों को पूरा करने के लिए दो या दो से अधिक ऐप का उपयोग किया है। गौरतलब है कि ऐसे एप्स के ना होने की वजह से 43 प्रतिशत लोग अपने दोस्तों और परिवार से उधार लेते हैं। , लेकिन एक महत्वपूर्ण 29 प्रतिशत देरी करेगा या आवश्यकता को छोड़ देगा।
बता दें कि एप्स लेने समय ग्राहक जिन तीन प्रमुख मापदंडों पर विचार करते हैं, ऋण राशि, ग्राहक समीक्षा / ऐप की रेटिंग और लोन लेने में कितनी आसानी आएगी। बता दें कि ऐसे एप्स को चुनने में ग्राहकों के सामने सही एप्स चुनने की सबसे बड़ी चुनौती है। साथ ही ग्राहक सेवा, नियमों और शर्तों को समझने ग्राहकों के परेशानी से कम नहीं है।
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