Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू बोले- भाषा कोई भी सीखें, लेकिन मातृभाषा को नहीं भूलें

    By Tilak RajEdited By:
    Updated: Sat, 26 May 2018 06:03 PM (IST)

    तेलुगू साहित्यिक संगठन तेलंगाना सारस्वत परिषद के 75वें वार्षिकोत्सव के उद्घाटन के मौके पर शनिवार को नायडू ने कहा कि उन्‍होंने मातृभाषा के संरक्षण का लक्ष्य तय किया है।

    उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू बोले- भाषा कोई भी सीखें, लेकिन मातृभाषा को नहीं भूलें

    हैदराबाद, प्रेट्र। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने मातृभाषा के संरक्षण और प्रोत्साहन के महत्व को रेखांकित किया है। उपराष्ट्रपति ने हर जगह इस मुद्दे को उठाने का लक्ष्य तय किया है।

    तेलुगू साहित्यिक संगठन तेलंगाना सारस्वत परिषद के 75वें वार्षिकोत्सव के उद्घाटन के मौके पर शनिवार को नायडू ने कहा, 'मैंने मातृभाषा के संरक्षण का लक्ष्य तय किया है। देश में मूल भाषा चाहे वह तेलुगू, तमिल, मराठी, कन्नड़, पंजाबी, बंगाली, असमिया हो या भोजपुरी उसका संरक्षण जरूरी है। सांस्कृतिक पुनरुत्थान की तरह सभी भाषाओं के प्रोत्साहन की भी दरकार है। इन भाषाओं की मिठास और सुगंध को युवा पीढ़ी तक ले जाना जरूरी है। मैं जहां कहीं भी जाता हूं वहां की भाषा के बारे में बातें करता हूं।'

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोई भी किसी भाषा को सीख सकता है, लेकिन मातृभाषा को नहीं भूलना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा, 'मैं अंग्रेजी के खिलाफ नहीं हूं। आप अंग्रेजी पढ़ें, फ्रेंच, रूसी या कोई भी भाषा सीखें। लेकिन अपनी मातृभाषा को नहीं भूलें। क्योंकि भाषा और अनुभूति दोनों साथ चलती हैं।' उन्होंने हिंदी के महत्व के बारे में भी बात की।