Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    'वक्फ बिल मुस्लिमों को दबाने की कोशिश', खरगे बोले- देश की शांति और सौहार्द को न बिगाड़े सरकार

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Fri, 04 Apr 2025 02:30 AM (IST)

    नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वक्फ बिल के जरिये मुस्लिमों को दबाने की कोशिश कर सरकार विवाद और टकराव के बीज बोने का काम कर रही है। खरगे ने अपील के रूप में सरकार को चेताया भी कि वह देश की शांति और सौहार्द को न बिगाड़े। खरगे ने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक और भारतीय मुस्लिमों के खिलाफ है।

    Hero Image
    देश की शांति और सौहार्द को न बिगाड़े सरकार- खरगे (फाइल फोटो)

     जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक पर लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी बहस के दौरान कांग्रेस समेत अन्य अनेक विपक्षी दलों ने प्रस्तावित कानून के प्रविधानों के साथ ही सरकार की नीयत और इरादे पर सवाल खड़े किए। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस बिल के जरिये मुस्लिमों को दबाने की कोशिश कर सरकार विवाद और टकराव के बीज बोने का काम कर रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    देश की शांति और सौहार्द को न बिगाड़े सरकार- खरगे

    खरगे ने अपील के रूप में सरकार को चेताया भी कि वह देश की शांति और सौहार्द को न बिगाड़े। बिल पर उच्च सदन में चर्चा में देर शाम भाग लेते हुए खरगे ने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक और भारतीय मुस्लिमों के खिलाफ है। इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाने के बजाय सरकार को बिल वापस ले लेना चाहिए।

    खरगे ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार इसके बहाने वक्फ की जमीनें हथियाने की कोशिश कर रही है। ये जमीनें कारपोरेट समूहों को दी जाएंगी। खरगे ने यह भी कहा कि अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए चलाई जाने वाली कुछ योजनाओं को बंद कर दिया गया है।

    अभिषेक मनु सिंघवी ने कर दी भविष्यवाणी

    चर्चा के दौरान कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने तो यह भविष्यवाणी कर दी कि अगर यह विधेयक पारित होकर कानून बनता है तो अगले कुछ वर्षों में न्यायपालिका से खारिज हो जाएगा। सिंघवी की इस बात से गहरी आपत्ति व्यक्त करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह दावा करना संसद की सर्वोच्चता और संप्रभुता पर सवाल खड़े करना है और एक संसद सदस्य को ऐसा नहीं करना चाहिए।

    सिंघवी ने विधेयक के तमाम प्रविधानों पर सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाया कि इसके माध्यम से सरकार का एक हाथ मुस्लिम समाज को यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि वह उसके भले के लिए काम कर रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि दूसरा हाथ उनसे उनकी जमीन और हक छीन रहा है।

    रामगोपाल यादव और राजद के मनोज झा ने किया विरोध

    बिल के विरोध के साथ मुस्लिमों के प्रति सहानुभूति सपा के रामगोपाल यादव और राजद के मनोज झा ने भी दिखाई। रामगोपाल ने कहा कि भाजपा सरकार का अतीत उसके प्रति भरोसा पैदा नहीं करता, खासकर मुस्लिमों के मन में। आज मुसलमान डरे हुए हैं। उन्हें नहीं लगना चाहिए कि उनके साथ अन्याय हो रहा है।

    मनोज झा ने कहा कि विधेयक की विषय-वस्तु और मंशा सरकार पर सवालिया निशान लगाती है। कांग्रेस की ओर से चर्चा की शुरुआत करने वाले सैयद नासिर हुसैन ने कहा कि भाजपा इसके जरिये समाज में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही है। जेपीसी में विपक्षी सांसदों की ओर से दिए गए सुझावों को बिल में शामिल नहीं किया गया।

    कपिल सिब्बल ने भी उठाए सवाल

    निर्दलीय सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि पहले गैर-मुस्लिम भी वक्फ बोर्ड बना सकते थे, लेकिन यह विधेयक अब इसकी अनुमति नहीं देता। आप सदस्य संजय सिंह ने कहा कि यह विधेयक संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है।

    उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस कानून के जरिये मुस्लिम धार्मिक संस्थाओं को नियंत्रित करना चाहती है। तृणमूल के मुहम्मद नदीमुल हक ने कहा कि बिल अनुचित, असंवैधानिक, संघीय ढांचे और बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन करता है।

    सुप्रीम कोर्ट इस बिल को खारिज कर देगा- द्रमुक

    द्रमुक के तिरुचि सिवा ने कहा कि यह सेक्युलरिज्म के खिलाफ है और पांच किलोमीटर (संसद से) दूर सुप्रीम कोर्ट इसे खारिज कर देगा। शिवसेना यूबीटी के संजय राउत ने सरकार के इस दावे पर सवाल उठाया कि इस विधेयक के जरिये मुस्लिम गरीबों का भला किया गया है।

    पूरा मुस्लिम समुदाय इस बिल से चिंतित- बीजद

    बीजद के मुजीबुल्ला खान ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि पूरा मुस्लिम समुदाय इससे चिंतित है। यह विधेयक मोदी सरकार के नारे सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के खिलाफ है। राज्यसभा में बीजद के नेता सस्मित पात्रा ने कहा कि पार्टी ने अपने सदस्यों को अंतरात्मा की आवाज पर वोट करने की अनुमति दी है और कोई व्हिप जारी नहीं किया है।