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कोलेजियम सिस्टम में सरकार ने भी मांगा अपना प्रतिनिधि, रिजिजू ने कहा- पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा

केंद्र सरकार कोलेजियम सिस्टम में अपना प्रतिनिधि चाहती है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिखी है। रिजिजू ने कहा कि कोलेजियम में सरकार के प्रतिनिधि होने से पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा। (फाइल फोटो)

By AgencyEdited By: Manish NegiPublished: Mon, 16 Jan 2023 01:20 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jan 2023 01:20 PM (IST)
कोलेजियम सिस्टम में सरकार ने भी मांगा अपना प्रतिनिधि, रिजिजू ने कहा- पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा
कोलेजियम सिस्टम में सरकार ने भी मांगा अपना प्रतिनिधि

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए बनाए गए कोलेजियम सिस्टम को लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच गतिरोध जारी है। सरकार सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम में अपना प्रतिनिधि चाहती है। इस संबंध में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम में सरकार के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा।

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रिजिजू ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) को निरस्त करते हुए संभावित पुनर्गठन की बात की थी। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। जानकारी के मुताबिक, रिजिजू ने हाईकोर्ट कोलेजियम में भी सरकार के प्रतिनिधि को शामिल करने सा सुझाव दिया है।

उपराष्ट्रपति भी कर चुके हैं आलोचना

रिजिजू ने बीते महीने कहा था कि कोलीजियम सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही का अभाव है। वहीं, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी न्यायपालिका की अस्पष्टता को लेकर आलोचना कर चुके हैं। धनखड़ का कहना है कि जजों के चयन में सरकार की भूमिका होनी चाहिए। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कोलेजियम प्रणाली का दृढ़ता से बचाव किया है।

एलियन की तरह कोलेजियम सिस्टम: रिजिजू

किरेन रिजिजू कोलेजियम सिस्टम को संविधान के लिए एलियन कह चुके हैं। उन्होंने ऐसी किसी भी प्रणाली पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें सरकार को न्यायाधीशों की नियुक्ति का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने एनजेएसी को रद्द किये जाने के फैसले की भी आलोचना की है। 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने एनजेएसी को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था।

क्या है कोलेजियम?

कोलेजियम का गठन साल 1993 में हुआ था। इसमें मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के चार जज होते हैं। मुख्य न्यायाधीश ही इसके अध्यक्ष होते हैं। इन पांच लोगों की सिफारिश पर ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति होती है। हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति पर भी कोलेजियम फैसला लेती है। इस कोलेजियम में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और राज्यपाल शामिल होते हैं।

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