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वाराणसी में गणेश प्रतिमा को गंगा में विसर्जित करने पर अड़े भक्तों पर पड़ी लाठियां

गणेश प्रतिमा को गंगा में विसर्जित करने पर अड़े वाराणसी के श्रद्धालुओं को कल रात पुलिस की लाठी खानी पड़ी। गंगा और प्रमुख नदियों में मूर्ति विसर्जन पर हाईकोर्ट की रोक के आदेश की पालना में पुलिस ने दो दिनों से धरने पर बैठे लोगों को पहले लाउड स्पीकर से

By Rajesh NiranjanEdited By: Wed, 23 Sep 2015 07:04 PM (IST)
वाराणसी में गणेश प्रतिमा को गंगा में विसर्जित करने पर अड़े भक्तों पर पड़ी लाठियां

वाराणसी, जागरण संवाददाता। गणेश प्रतिमा को गंगा में विसर्जित करने पर अड़े वाराणसी के श्रद्धालुओं को कल रात पुलिस की लाठी खानी पड़ी। गंगा और प्रमुख नदियों में मूर्ति विसर्जन पर हाईकोर्ट की रोक के आदेश की पालना में पुलिस ने दो दिनों से धरने पर बैठे लोगों को पहले लाउड स्पीकर से चेताया। लोगों के ना मानने पर पुलिस को लाठी भाजनी पड़ी। इस बीच पुलिस को भी लोगों का विरोध झेलना पड़ा। पुलिस को हालात पर काबू पाने में काफी समय लग गया। लोगों के हटने के बाद पुलिस ने गणेश प्रतिमा को लक्ष्मीकुंड में विसर्जित किया। पुलिस के लाठीचार्ज में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, बटुक समेत धरना दे रहे कई लोग घायल हुए हैं।

इसके पूर्व प्रथम पूज्य भगवान गणेश की प्रतिमा के गंगा में विसर्जन को लेकर मंगलवार देर रात तक हंगामाखेज और बेहद तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। आस्थावान सोमवार रात से ही गोदौलिया में बड़ी संख्या में धरना पर डटे हुए हैं, जबकि उनके समर्थन में साधु-संतों का जमावड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार देर रात हजारों डमरू दल के पहुंचने और उनके द्वारा डमरू वादन के साथ जयकारे से माहौल पूरी तरह गरम हो गया।

गंगा में प्रतिमा विसर्जन नहीं होने देने पर अड़े प्रशासन को पूजा आयोजन समिति और आस्थावानों की आक्रामकता झेलनी पड़ी। इस दौरान दशाश्वमेध घाट की ओर बढऩे की कोशिश कर रहे लोगों को रोकने के लिए पुलिस को कई बार बल प्रयोग करना पड़ा, नोकझोंक भी हुई।

दो दर्जन हिरासत में

धरना-प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए प्रशासन द्वारा आधी रात को उठाए गए कदम के बाद लोगों में भगदड़ मच गई। गंगा में ही गणोश प्रतिमा का विसर्जन करने पर अड़े लोग पुलिस की लाठी से बचने के लिए इधर-उधर गलियों में पहुंच गए। गलियों में तलाशी अभियान चलाकर पुलिस ने दो दर्जन लोगों को देर रात हिरासत में ले लिया।

रोका गया शवदाह

गणेश प्रतिमा का विसर्जन गंगा में करने की मांग के समर्थन में मंगलवार को मणिकर्णिका पर शवदाह करीब एक घंटे बंद रहा। रात 11 बजे कुछ लोग घाट पर पहुंचे और शवदाह रोकने का विरोध किया। तदंतर बुजुर्गों के हस्तक्षेप से रात 12 बजे से पुन: शवदाह की प्रक्रिया शुरू हुई।

सोमवार से शुरू हुआ था विवाद

गणपति प्रतिमा विसर्जन को लेकर सोमवार की शाम विवाद उस समय शुरू हुआ, जब पुलिस बल ने दशाश्वमेध घाट की ओर बढ़ रहे पूजा आयोजकों को गोदौलिया पर रोक दिया।

हियुवा का जुलूस, कराया बंद

जिला प्रशासन के विरोध में हिंदू युवा वाहिनी ने मंगलवार को 'बनारस बंद' का आह्वान किया था। वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने मैदागिन से जुलूस निकाला और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। चौक पहुंचने पर पुलिस ने कार्यकर्ताओं को तितर-बितर किया। इसका कुछ इलाकों में आंशिक असर रहा। गोदौलिया, दशाश्वमेध, बांसफाटक, विश्वनाथ गली, गिरजाघर आदि इलाकों में दुकानें बंद रहीं। लंका क्षेत्र में दुकान बंद करा रहे लोगों को पुलिस ने बल प्रयोग कर खदेड़ा। इस दौरान हिंदू युवा वाहिनी के एक कार्यकर्ता को पुलिस ने पकड़ा। इसी आपाधापी में एक महिला भी घायल हो गई।

समर्थन में समितियां लामबंद

धरने के समर्थन में मंगलवार को विभिन्न पूजा समितियों के प्रतिनिधि लामबंद दिखे। उनका कहना था कि काशी की गौरवशाली संस्कृति व परंपरा को अक्षुण्ण रखते हुए प्रतिमाओं का विसर्जन हर हाल में गंगा में ही किया जाएगा। सभी पूजा समितियों ने एकजुट होकर गंगा में विसर्जन की छूट दिए जाने की मांग की है।