'लेटरल एंट्री नियुक्तियों में आरक्षण नहीं', सरकार ने कर दिया स्पष्ट; SSC परीक्षा को लेकर भी आया बड़ा अपडेट
सरकार ने राज्यसभा को बताया कि लेटरल एंट्री से नियुक्तियों में आरक्षण लागू नहीं है क्योंकि प्रत्येक नियुक्ति एकल पद पर होती है। 2018 से अब तक 63 नियुक्तियां की गई हैं। सहायक सचिव प्रोग्राम के तहत 1580 आईएएस अधिकारियों को प्रशिक्षण मिला है। एसएससी ने भर्ती प्रक्रिया तेज करते हुए इसे 6-10 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा को बताया कि लेटरल एंट्री के माध्यम से की गई नियुक्तियों में आरक्षण लागू नहीं है। गौरतलब है कि लेटरल एंट्री का मतलब है सीधी भर्ती। यानी किसी तरह की परीक्षा के बिना उच्च पदों पर विशेषज्ञों की नियुक्ति। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लिखित उत्तर में कहा, 2018 से अब तक तीन बार (2018, 2021 और 2023) में विभिन्न सरकारी विभागों में संयुक्त सचिव/निदेशक/उप सचिव के स्तर पर 63 नियुक्तियां अनुबंध/प्रतिनियुक्ति के आधार पर की गई हैं।
ये नियुक्तियां विशेष कार्यों के लिए की गई हैं। चूंकि, इनमें से प्रत्येक नियुक्ति एकल पद पर हुई है, इसलिए सर्वोच्च न्यायालय के 'पीजीआइएमईआर, चंडीगढ़ बनाम फैकल्टी एसोसिएशन और अन्य मामले में निर्णय के अनुसार आरक्षण लागू नहीं है।
1,580 आईएएस अधिकारियों को मिला प्रशिक्षण
अन्य प्रश्न के उत्तर में जितेंद्र सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय लक्ष्यों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से सहायक सचिव प्रोग्राम के तहत अब तक 1,580 आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारियों को प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर दिया गया है। इस प्रोग्राम की शुरुआत आईएएस अधिकारियों को प्रशासनिक भूमिकाएं संभालने से पहले, केंद्रीय स्तर पर नीति-निर्माण संबंधी प्रक्रियाओं से परिचित कराने के उद्देश्य से की गई थी।
मंत्री ने कहा कि 2013 बैच के आईएएस अधिकारियों के साथ 2015 में शुरू किए गए सहायक सचिव कार्यक्रम के तहत अब तक 1,580 आईएएस अधिकारियों को यह अनुभव प्रदान किया जा चुका है। इसके तहत अधिकारियों को आठ सप्ताह के लिए विभिन्न मंत्रालयों/विभागों में सहायक सचिव के रूप में संबद्ध किया जाता है।
एसएससी में अब छह से 10 माह में होगी नियुक्ति
- जितेंद्र सिंह ने अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने भर्ती प्रक्रिया तेज करने के कई कदम उठाए हैं। इन उपायों से एसएससी की विभिन्न परीक्षाओं की भर्ती प्रक्रिया, जो पहले 15 से 18 महीने में पूरी होती थी, अब छह से 10 महीने में पूरी हो रही है। एसएससी ने परीक्षा की नोटिस अवधि 45 दिनों से घटकर 21 दिन कर दी है।
- अन्य सुधारों में पेन और पेपर आधारित परीक्षाओं को कंप्यूटर आधारित परीक्षाओं में परिवर्तन, परीक्षाओं के स्तरों/चरणों की संख्या में कमी, परीक्षाओं से वर्णनात्मक प्रश्नपत्र को हटाना (संयुक्त हिंदी अनुवादक परीक्षा को छोड़कर), चयनित अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन संबंधित मंत्रालय/विभाग द्वारा कराना, साक्षात्कार समाप्त करना और ई-डॉजियर प्रणाली लागू करना शामिल हैं। इससे नियुक्ति से पहले सत्यापन की प्रक्रिया तेज हो गई है।
ई-डोजियर प्रणाली हुई लागू
अन्य प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने बताया कि एसएससी ने ऑनलाइन केंद्रीकृत ई-डाजियर प्रणाली विकसित की है, जिससे भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के डाजियर का सुरक्षित, पारदर्शी प्रबंधन संभव हो सका है। ई-डोजियर प्रणाली को एसएससी की कई प्रमुख परीक्षाओं में लागू किया गया है।मंत्री ने बताया कि वर्ष 2022 से एसएससी तीन अखिल भारतीय प्रतियोगी परीक्षाएं - मल्टी टास्किंग (गैर-तकनीकी) कर्मचारी और हवलदार परीक्षा, संयुक्त उच्चतर माध्यमिक (10+2) स्तर परीक्षा और कांस्टेबल परीक्षा 13 क्षेत्रीय भाषाओं के साथ हिंदी और अंग्रेजी में भी आयोजित कर रहा है।
जहां तक अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं का सवाल है, यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में अभ्यर्थियों को संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 22 भाषाओं में से किसी में भी उत्तर लिखने की अनुमति है। हिंदी या अंग्रेजी (भाषा और साहित्य के पेपर को छोड़कर) में भी उत्तर लिखने की अनुमति है। रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) भी हिंदी और अंग्रेजी के साथ 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षाएं आयोजित करता है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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