Move to Jagran APP

काबुल से सिख धर्म के प्रतीकों को वापस लाने का सिलसिला जारी, गुरु ग्रंथ साहिब के अंतिम दो स्वरूप दिल्ली पहुंचे

अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के बाद से सिख धर्म से जुड़ी आस्था और विरासत के प्रतीकों को वापस लाने का सिलसिला लगातार जारी है। इस कड़ी में अफगानिस्तान में बाकी श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र दो स्वरूप भी बुधवार को दिल्ली पहुंच गए। File Photo

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Thu, 19 Jan 2023 05:46 AM (IST)Updated: Thu, 19 Jan 2023 05:46 AM (IST)
काबुल से सिख धर्म के प्रतीकों को वापस लाने का सिलसिला जारी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के बाद से सिख धर्म से जुड़ी आस्था और विरासत के प्रतीकों को वापस लाने का सिलसिला लगातार जारी है। इस कड़ी में अफगानिस्तान में बाकी श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र दो स्वरूप भी बुधवार को दिल्ली पहुंच गए। मालूम हो कि गुरु ग्रंथ साहिब के अंतिम दो संस्करणों को भी दिल्ली लाया गया।

loksabha election banner

अफगानिस्तान से लाया जा रहा है विरासत

जागो-जग आसरा गुरु ओट और डीएसजीपीसी के पूर्व अध्यक्ष सरदार मनजीत सिंह जीके और सरदार परमजीत सिंह सरना ने गुरु मर्यादा के अनुसार, दिल्ली हवाई अड्डे पर दोनों स्वरूप प्राप्त किए हैं। इस मौके पर सरदार मंजीत सिंह जीके ने कहा कि तालिबान शासन के आने के बाद अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति को देखते हुए सभी धार्मिक विरासतों को वापस लाया जा रहा है।

दिल्ली लाया गया आखिरी दो स्वरूप

मंजीत सिंह ने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब के यह आखिरी दो स्वरूप वहीं छोड़ दिए गए थे। हमने पहले भी इन्हें लाने की कोशिश की थी, लेकिन उस वक्त तालिबान ने तकनीकी पहलुओं को देखते हुए इसे रोक दिया था। उन्हें वहां से लाने का सारा खर्च शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उठाया है। मंजीत सिंह ने कहा कि भारत सरकार के दखल और दोनों सरकारों के बीच बातचीत के बाद आज यह संभव हो पाया है कि हम दोनों स्वरूपों को वापस लाने में सफल रहे हैं।

इंडियन व‌र्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने अफगानिस्तान सरकार और भारत सरकार को श्री गुरु ग्रंथ साहिब के हस्तांतरण की पवित्रता के अनुसार सुगम मार्ग और प्रोटोकाल की सुविधा के लिए धन्यवाद दिया।

यह भी पढ़ें: Fact Check: नोटों पर कुछ लिखे होने से उसके अवैध या अमान्य होने का दावा गलत और मनगढ़ंत

यह भी पढ़ें: दिल्ली-एनसीआर में हर साल 0.2 मीटर घटता भूजल स्तर बना खतरा, यहां 80% इमारतें बड़े भूकंप झेलने में सक्षम नहीं


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.