चारा घोटाले में लालू ने रोका था निगरानी जांच को
देवघर कोषागार से अवैध निकासी हुई है। निगरानी विभाग की फाइल को निगरानी के तत्कालीन डीजी डीएन सहाय के निर्देश पर खोला गया था।
जेएनएन, रांची : अदालत ने माना है कि बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने 13 जून, 1994 को बच्चू प्रसाद और डॉ. एसबी चौधरी को बुलाकर जांच रिपोर्ट के संबंध में जानकारी ली तो दोनों जांच से मुकर गए। फिर लालू के निर्देश पर 19 जून, 1994 को दोनों पदाधिकारी देवघर गए और 20 जून से जांच शुरू की। 29 जून, 1994 को मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपकर बताया कि यह मामला सही है। देवघर कोषागार से अवैध निकासी हुई है। निगरानी विभाग की फाइल को निगरानी के तत्कालीन डीजी डीएन सहाय के निर्देश पर खोला गया था। लेकिन निगरानी जांच को भी लालू प्रसाद व जगदीश शर्मा ने रुकवाने का कार्य किया।
इसके लिए निगरानी को पत्र लिखा था। दोनों ने जांच को रोकने का कार्य किया। निगरानी जांच को रोकने के लिए पब्लिक एकाउंट कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने लालू प्रसाद को पत्र लिखा। जगदीश के इस पत्र को अनुशंसा कर लालू ने निगरानी विभाग को पत्र भेजकर जांच को बंद करवाया। डीएन सहाय ने चार जुलाई, 1994 को फिर मुख्यमंत्री के सामने इस फाइल को भेजा, लेकिन फाइल बिना कोई कार्रवाई आदेश के आठ माह बाद 29 मार्च, 1995 को लौट गई।