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    Parliament security lapse: संसद में 'घुसपैठ' का मास्टरमाइंड ललित झा! पुलिस सूत्रों ने बताया- गुरुग्राम में हुई थी आरोपियों की मीटिंग

    By AgencyEdited By: Babli Kumari
    Updated: Thu, 14 Dec 2023 02:50 PM (IST)

    Parliament security breach पुलिस सूत्रों ने बताया ललित झा ने सभी को मीटिंग के लिए गुरुग्राम बुलाया था। घटना को अंजाम देने से पहले ललित ने चारों आरोपियों के फोन खुद ही अपने कब्जे में ले लिए और भाग गया। पुलिस सूत्रों ने गुरुवार को यह भी खुलासा किया कि ललित झा ने ही संसद के अंदर उल्लंघन की घटना को अंजाम देने की तारीख तय की थी।

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    ललित झा के आदेश पर 13 दिसंबर की तारीख की गई थी तय- पुलिस सूत्र (फाइल फोटो)

    एएनआई, नई दिल्ली। Parliament Security Breach: संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में फरार आरोपी ललित झा पर पूरी साजिश का मास्टरमाइंड होने का संदेह है। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह पहलू तभी स्पष्ट हो जाएगा जब पुलिस ललित झा को पकड़ेगी। पुलिस सूत्रों ने गुरुवार को यह भी खुलासा किया कि ललित झा ने ही संसद के अंदर उल्लंघन की घटना को अंजाम देने की तारीख तय की थी। संसद में यह सुरक्षा चूक 2001 के संसद आतंकवादी हमले की बरसी पर हुआ।

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    पुलिस सूत्रों ने बताया, ''ललित झा ने सभी को मीटिंग के लिए गुरुग्राम बुलाया था। घटना को अंजाम देने से पहले ललित ने चारों आरोपियों के फोन खुद ही अपने कब्जे में ले लिए और भाग गया।''

    NGO संस्थापक नीलाक्ष आइच को ललित झा ने भेजा वीडियो

    सूत्रों के मुताबिक, आरोपी ललित झा को आखिरी बार राजस्थान के नीमराणा में ढूंढा गया था। पुलिस सूत्रों ने आगे कहा कि फरार आरोपी चारों आरोपियों के मोबाइल फोन से सबूत मिटाने की कोशिश कर रहा होगा, जिसे वह पहले अपने साथ ले गया था। ललित झा ने घटना का एक वीडियो एनजीओ संस्थापक नीलाक्ष आइच को भी भेजा।

    पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में आदिवासी शिक्षा पर काम करने वाला एक एनजीओ चलाने वाले नीलाक्ष आइच ने कहा कि आरोपी ललित झा उस संगठन का सदस्य था।

    'ललित झा अपने बारे में सभी बातें रखता था गुप्त'

    आरोपी के व्यवहार के बारे में पूछे जाने पर आइच ने कहा, "उसने कभी भी अपने बारे में मुझसे कुछ नहीं बताया। उसने हमेशा अपने बारे में सभी बातें गुप्त रखे। उसने कभी भी अपने ठिकाने का उल्लेख नहीं किया कि उसके परिवार में कौन है या नहीं। मैंने उसे व्यक्तिगत रूप से हिंसक होते नहीं देखा है।"

    10 दिसंबर को सभी आरोपी अपने-अपने राज्यों से दिल्ली पहुंचे

    पुलिस सूत्रों के मुताबिक सभी आरोपी सोशल मीडिया पेज 'भगत सिंह फैन क्लब' से जुड़े थे। करीब डेढ़ साल पहले सभी लोग मैसूर में मिले थे। सागर जुलाई में लखनऊ से आया लेकिन संसद भवन के अंदर नहीं जा सका। 10 दिसंबर को एक-एक करके सभी लोग अपने-अपने राज्यों से दिल्ली पहुंचे। सभी लोग इंडिया गेट के पास मिले जहां सभी को रंगीन पटाखे बांटे गए।

    इससे पहले, लोकसभा सचिवालय ने सुरक्षा चूक को लेकर गुरुवार को आठ सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया था, जिसके कारण बुधवार को संसद में एक बड़ा सुरक्षा उल्लंघन हुआ था।

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