शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कोच्चि से लक्षद्वीप स्थानांतरित करने का आदेश, जानें- क्या है मामला
लक्षद्वीप प्रशासन के शिक्षा निदेशालय ने कोच्चि में अपने शिक्षा अधिकारी को यह निर्देश भी दिया है कि अपने पांच कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाली सभी कार्यालयी सामग्री को भी लक्षद्वीप में शिक्षा निदेशालय में स्थानांतरित किया जाए।

कोच्चि, प्रेट्र। एक विवादित कदम के तहत लक्षद्वीप प्रशासन ने शुक्रवार को शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को कोच्चि से लक्षद्वीप स्थानांतरित करने का आदेश दिया। लक्षद्वीप प्रशासन के शिक्षा निदेशालय ने कोच्चि में अपने शिक्षा अधिकारी को यह निर्देश भी दिया है कि अपने पांच कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाली सभी कार्यालयी सामग्री को भी लक्षद्वीप में शिक्षा निदेशालय में स्थानांतरित किया जाए। इस सामग्री में इलेक्ट्रानिक उपकरण, फर्नीचर और फाइलें शामिल हैं।
बताते चलें कि लक्षद्वीप प्रशासन का कोच्चि में एक कार्यालय है जहां कई विभाग कार्यरत है। आदेश के मुताबिक जिन अधिकारियों को लक्षद्वीप स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया है उनमें एक अकाउंटेंट, एक स्टेनोग्राफर, दो क्लर्क और एक एमएसई शामिल हैं। कोच्चि में शिक्षा अधिकारी को आदेश दिया गया है कि उक्त कर्मचारियों को इस निर्देश के साथ कार्यमुक्त किया जाए कि सात दिनों के भीतर वे शिक्षा निदेशक राकेश सिंघल डेनिक्स को रिपोर्ट करें।
लक्षद्वीप प्रशासन के इस कदम को गलत बताते हुए लक्षद्वीप से सांसद मुहम्मद फैजल पीपी ने कहा कि यह फैसला द्वीप के उन करीब चार हजार छात्रों पर प्रतिकूल असर डालेगा जो केरल के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं लिहाजा इसे अदालत में चुनौती दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप प्रशासन का शिक्षा कार्यालय पिछले तीन दशक से कोच्चि में कार्य कर रहा है। इसको यहां इसलिए स्थापित किया गया था ताकि केरल के शिक्षण संस्थानों में अध्ययन कर रहे छात्रों की जरूरतें आसानी से पूरी की जा सकें। इनमें छात्रवृत्ति, भोजनालय (मेस) शुल्क, छात्रावास शुल्क और अध्यापन (ट्यूशन) शुल्क शामिल हैं। अब केरल में पढ़ रहे छात्रों को इनसे जुड़ी परेशानियों के लिए लक्षद्वीप जाना पड़ेगा।
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