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Labour Day 2022: गर्मी में दिहाड़ी मजदूरों को झेलनी पड़ती हैं स्वास्थ्य से जुड़ी ये समस्याएं, जानें कैसे रख सकते हैं सेहत का ध्यान

गर्मी से सबसे ज्यादा दिहाड़ी मजदूर परेशान होता है। दिहाड़ी मजदूर तेज धूप गर्मी में काम करते हैं जिसकी वजह से उन्हें स्वास्थ्य समस्याओं से भी जूझना पड़ता है। आज हम आपको मजदूर दिवस के अवसर पर उनकी कुछ ऐसी ही समस्याओं के बारे में बताने जा रहे हैं।

By Mahen KhannaEdited By: Published: Sun, 01 May 2022 02:45 PM (IST)Updated: Sun, 01 May 2022 02:45 PM (IST)
Labour Day 2022: गर्मी में दिहाड़ी मजदूरों को झेलनी पड़ती हैं स्वास्थ्य से जुड़ी ये समस्याएं, जानें कैसे रख सकते हैं सेहत का ध्यान
गर्मी में काम करते मजदूर। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। घर से बाहर निकलते ही चिलचिलाती गर्मी, धूप की हानिकारक किरणों का सबसे ज्यादा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। गर्मी में लू लगना, कील मुहांसे होना, शरीर में पानी की कमी जैसी समस्याएं होना बेहद आम है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता जाता है, बाहर जाने वालों के लिए खतरा उतना ही बढ़ता जाता है। गर्मी से जो वर्ग सबसे अधिक परेशान होता है, वह है दिहाड़ी मजदूर। दिहाड़ी मजदूर एसी (AC) की हवा में नहीं बल्कि तेज धूप, गर्मी या फिर फैक्ट्री में काम करते हैं। इसकी वजह से उन्हें गर्मी से परेशान होना ही पड़ता है, इसके अलावा गर्मी की वजह से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से भी जूझना पड़ता है। आज हम आपको मजदूर दिवस (Labour Day 2022) के अवसर पर और इस बढ़ती गर्मी के चलते उनकी कुछ ऐसी समस्याओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका सामना उन्हें अकसर ही करना पड़ता है।

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1.डिहाइड्रेशन

डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी। गर्मियों में अधिकतर लोगों को डिहाइड्रेशन का सामना करना पड़ता है। लेकिन दिहाड़ी मजदूर गर्मी के दिनों में धूप या फिर गर्म वातावरण में काम करते हैं, इसकी वजह से उन्हें पसीना अधिक निकलता है। ऐसे में उनके शरीर में पानी की कमी होने लगती है। साथ ही वे अपने हेल्थ को लेकर भी ज्यादा कान्शियस नहीं होते हैं, और समय-समय पर पानी भी नहीं पीते हैं। डिहाइड्रेशन की वजह से मजदूरों को अकसर चक्कर आना, कमजोरी, थकान, ब्लड प्रेशर कम होना और मुंह सूखने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

2.त्वचा से संबंधित समस्याएं

धूप और गर्मी से प्रकोप से अपनी त्वचा को बचाने के लिए वैसे तो लोग सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन मजदूरों के लिए रोजाना सनस्क्रीन लगाना संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में सूरज की किरणों का प्रभाव सीधे उनकी त्वचा पर पड़ता है। इस दौरान हीट रैशेज, त्वचा पर पैच, खुजली, जलन, रेडनेस और संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। इसके अलाव घमौरियां, फोड़े-फुसियों का भी सामना मजदूरों को करना पड़ता है। इतना ही नहीं लंबे समय तक धूप में रहना त्वचा कैंसर का भी कारण बन सकता है।

3.लू लगना

गर्मियों में सबसे ज्यादा परेशान मजदूर वर्ग होता है। वे अकसर बाहर रहते हैं, इससे उन लोगों में लू यानी हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल, अधिक तापमान और गर्म हवाओं का नर्वस सिस्टम पर सीधा असर पड़ता है, इसकी वजह से उन्हें लू लगने और चक्कर आने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। लू लगाना कई गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों को भी पैदा कर सकता है।

गर्मी से इस तरह करें बचाव

गर्मी और सूरज की हानिकारक किरणों से बचने के लिए अपने पूरे शरीर को ढककर रखना चाहिए। गर्मियों में हाइड्रेट रहना बहुत जरूरी है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। रोजाना 8-10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। गर्मियों में हैवी खाने के बजाय हल्का और लिक्विड डाइट लेनी चाहिए। अपने शरीर को ठंडा रखने की कोशिश करें, इसके लिए ठंडे चीजों का अधिक मात्रा में सेवन करें।


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