छत्तीसगढ़: पत्रकारिता विश्वविद्यालय पहुंचे नए कुलपति का छात्रों ने किया विरोध
छत्तीसगढ़ के कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में नए कुलपति की नियुक्ति को लेकर हंगामा हो रहा है। छात्रों ने नए कुलपति के आते ही विरोध करते हुए नारेबाजी करने शुरु कर दिया।
रायपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में नए कुलपति की नियुक्ति को लेकर राजनीति गरमाती जा रही है। विश्वविद्यालय के नए डॉ बलदेव शर्मा जैसे ही पदभार संभालने के लिए जैसे ही यूनिवर्सिटी पहुंचे, वहां मौजूद छात्रों ने नारेबाजी के साथ उनका विरोध शुरू कर दिया। इतना ही नहीं छात्रों ने विरोध करते-करते यूनिवर्सिटी कैंपस का मेन गेट भी बंद कर दिया। छात्रों के प्रदर्शन की वजह से बिना पदभार ग्रहण किए कुलपति को वापस जाना पड़ा। वह यहां से राजभवन गए हैं और राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात करेंगे।
छत्तीसगढ़ में पिछले दिनों दो विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति किए जाने के बाद से ही राजभवन और सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी। कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में डॉ बलदेव शर्मा और पं. सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी बिलासपुर में वंश गोपाल सिंह को कुलपति नियुक्त किया गया है। वंश गोपाल की नियुक्ति यहां इसी पद पर इससे पहले पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी की गई थी।
दोनों ही नवनियुक्त कुलपति राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पृष्ठभूमि के बताए जाते हैं। इस विषय में कहा जा रहा है कि दोनों ही नियुक्तियां बिना सरकार के परामर्श के राजभवन से सीधे कर दी गई हैं। इस वजह से सरकार इससे नाखुश है। इसी टकराव के बीच अब कैंपस में भी नियुक्ति के विरोध की लहर फैल गई है।
इस मसले को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने कहा भी था कि नियुक्ति को लेर काफी चर्चा हुई है, हमारी राय अलग थी। उन्होंने (राज्यपाल) अपना काम कर लिया अब हम अपना काम करेंगे। सीएम के इस संकेत के बाद इस बात के आसार भी लगाए जा रहे थे कि इस तरह का प्रदर्शन छात्रों की ओर से हो सकता है। बताया जा रहा है कि इस प्रदर्शन में एनएसयूआई के कार्यकर्ता प्रमुख रूप से शामिल थे। उन्होंने नए कुलपति का आरएसएस से जुड़े बाहरी व्यक्ति बताकर विरोध किया। प्रो. बलदेव इससे पहले हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष थे।
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