कुलभूषण जाधव मामला : पाकिस्तान के कानून बनाने पर बोला भारत, कुछ नया नहीं कर रहा पड़ोसी मुल्क
पाकिस्तान की संसद ने बुधवार को संयुक्त बैठक में वहां की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सजा के खिलाफ अपील का अधिकार देने के लिए एक कानून पारित किया। इस कदम से भारत संतुष्ट नहीं है।

नई दिल्ली, एएनआइ। पाकिस्तान की संसद ने बुधवार को संयुक्त बैठक में वहां की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सजा के खिलाफ अपील का अधिकार देने के लिए एक कानून पारित किया। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का पालन करने के लिए यहा कानून लाया गया है। हालांकि, पाकिस्तान के इस कदम से भारत संतुष्ट नहीं है और उसने कहा है कि यह कानून प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार के लिए तंत्र नहीं बनाता है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मामले में पड़ोसी देश कुछ नया नहीं कर रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने रिपोर्ट में देखा है कि कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को प्रभाव में लाने के लिए पहले लागू किए गए अध्यादेश को कानून में शामिल किया है। कानून में कुछ भी नया नहीं है। पाकिस्तान ने जाधव को फ्री कांसुलर एक्सेस देने से मना करता रहा है।
भारत ने बार-बार आइसीजे के फैसले को लागू करने का आह्वान किया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने आगे कहा कि पाकिस्तान जाधव को अबाधित कांसुलर एक्सेस से इन्कार करता रहा है। वह ऐसा माहौल बनाने में विफल रहा है, जिसमें निष्पक्ष सुनवाई हो सके। भारत ने बार-बार पाकिस्तान से आइसीजे के फैसले को लागू करने का आह्वान किया है।
अंतरराष्ट्रीय न्यायलय ने समीक्षा सुनिश्चित कराने का दिया था आदेश
गौरतलब है कि भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त 51 वर्षीय जाधव को अप्रैल 2017 में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जासूसी व आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। पाकिस्तान ने जब जाधव को काउंसलर की सुविधा देने से इन्कार कर दिया था, तब भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जुलाई 2019 में पाकिस्तान को जाधव को काउंसलर सुविधा उपलब्ध कराने तथा सजा की समीक्षा सुनिश्चित कराने का आदेश दिया था।
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