रावण के ससुराल मंदसौर में है कुबेर मंदिर, भगवान शिव के साथ हैं विराजमान
देश में केवल दो स्थान हैं जहां शिव पंचायत में धन के देवता कुबेर भी विराजमान हैं, जिनमें से एक मंदसौर का धौलागढ़ महादेव मंदिर है। यहां रावण को जमाई माना जाता है और कुबेर की पूजा होती है। धनतेरस पर मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं, जहां सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ती है और विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।

रावण के ससुराल मंदसौर में है कुबेर मंदिर।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में केवल दो ही जगह ऐसी हैं, जहां शिव पंचायत में धन के देवता कुबेर भी विराजित हैं। इसमें पहला हिमालय की गोद में बसा केदारनाथ धाम है और दूसरा मंदसौर। मंदसौर के खिलचीपुरा क्षेत्र में श्री धौलागढ़ महादेव मंदिर में शिव पंचायत के साथ भगवान कुबेर भी विराजित हैं।
मंदसौर वह जगह है जहां रावण को जमाई माना जाता है और उनके सौतेले भाई धन के देवता कुबेर को भी पूजा जा रहा है। मंदिर में धनतेरस पर 18 अक्टूबर को सुबह से ही माथा टेकने नेता, प्रभावशाली लोग और अफसर भी आएंगे।
श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर से महज एक किमी दूरी स्थित खिलचीपुरा में लगभग 1200 वर्ष पुराने धौलागढ़ महादेव मंदिर में भगवान कुबेर की मूर्ति के दर्शन के लिए अलसुबह से ही श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो जाएंगे।
ब्रह्म मुहूर्त से आने वाले श्रद्धालुओं का तांता आधी रात तक लगा रहेगा। देर रात हवन की पूर्णाहुति होगी। सुबह चार बजे से विशेष अनुष्ठान के तहत महाभिषेक, हवन व पूजन प्रारंभ होगा। अभिषेक के बाद भगवान का आकर्षक शृंगार किया जाएगा। इसके बाद हवन प्रारंभ होगा।
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