Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आंध्र-तेलंगाना के बीच सुलझेगा कृष्णा नदी विवाद, केंद्रीय कैबिनेट ने ट्रिब्यूनल और उसके विषयों को दी मंजूरी

    By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Wed, 04 Oct 2023 09:30 PM (IST)

    आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच नदी जल बंटवारे के विवाद को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने कृष्णा नदी जल विवाद ट्रिब्यूनल और उसके विचारार्थ विषय को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया। यह ट्रिब्यूनल दोनों राज्यों के बीच इस नदी के जल के बंटवारे की रूपरेखा तय करेगा।

    Hero Image
    यह ट्रिब्यूनल दोनों राज्यों के बीच इस नदी के जल के बंटवारे की रूपरेखा तय करेगा।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच नदी जल बंटवारे के विवाद को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने कृष्णा नदी जल विवाद ट्रिब्यूनल और उसके विचारार्थ विषय को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्यों अहम है यह फैसला?

    यह ट्रिब्यूनल दोनों राज्यों के बीच इस नदी के जल के बंटवारे की रूपरेखा तय करेगा। यह फैसला इसलिए अहम है, क्योंकि राज्यों के बीच नदियों के जल के बंटवारे के जो मामले लंबे समय से लंबित हैं और बड़े विवाद का विषय हैं, उनमें यह प्रकरण भी है। बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ट्रिब्यूनल दोनों ही राज्यों में चलने वालीं विकास परियोजनाओं और भविष्य के कामों के लिए प्रोजेक्ट के आधार पर पानी का आवंटन करेगा।

    दोनों राज्यों के अपने-अपने दावे

    अनुराग ठाकुर ने बताया कि केडब्ल्यूडीटी यानी कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण अपने लिए नए विचार के बिंदु तय करेगा, जिसके आधार पर दोनों राज्यों के बीच पानी का बंटवारा किया जाएगा। दोनों राज्यों के बीच नदी जल के बंटवारे का यह विवाद लंबे समय से चल रहा है। इस पानी के इस्तेमाल, वितरण और नियंत्रण को लेकर दोनों राज्यों के अपने-अपने दावे रहे हैं।

    यह भी पढ़ें- Cooperative Bank Scam: केरल में सहकारी बैंक घोटालों पर भड़के अनिल एंटनी, राज्य सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

    विकास की रफ्तार भी होगी तेज

    केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, एक बार यदि यह विवाद हल हो जाता है तो इससे न केवल इन दोनों राज्यों में जल संसाधनों के विकास का स्थायी तंत्र सुनिश्चित होगा, बल्कि विकास की रफ्तार भी तेज होगी और आसपास के पूरे इलाके में सामाजिक स्तर पर भी खुशहाली की राह तैयार होगी। इसके साथ-साथ इसी प्रकार के अन्य विवादों की राह भी आसान हो सकती है।

    यह भी पढ़ें- Arunachal Pradesh को मिले तीन नए GI Tag; याक चुरपी, खामती चावल और तांगसा वस्त्र के लिए किया गया सम्मानित

    comedy show banner