Move to Jagran APP

महावीर जयंतीः आज भी प्रासंगिक हैं आधारभूत सिद्धांत, पीएम मोदी ने देशवासियों को दी बधाई

महावीर जयंती पर पीएम मोदी ने ट्वीटर के माध्यम से देशवासियों को बधाई दी है।

By Arti YadavEdited By: Published: Thu, 29 Mar 2018 10:11 AM (IST)Updated: Thu, 29 Mar 2018 01:54 PM (IST)
महावीर जयंतीः आज भी प्रासंगिक हैं आधारभूत सिद्धांत, पीएम मोदी ने देशवासियों को दी बधाई
महावीर जयंतीः आज भी प्रासंगिक हैं आधारभूत सिद्धांत, पीएम मोदी ने देशवासियों को दी बधाई

नई दिल्ली, (जेएनएन)। देशभर में अाज महावीर जयंती मनाई जा रही है। महावीर जयंती जैन समुदाय का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों को बधाई दी है।

loksabha election banner

जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर के रूप में पूजा जाते हैं

भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की 13वीं तिथि को हुआ था। इसी वजह से जैन धर्म को मानने वाले इस दिन को महावीर जयंती के रूप में मनाते हैं। भगवान महावीर को जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर के रूप में पूजा जाता है। इनके बचपन का नाम वर्धमान था।

महावीर के आधारभूत सिद्धांत 
महावीर के तीन आधारभूत सिद्धांत हैं- अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकान्त हैं। ये युवाओं को आज की भागमभाग और तनाव भरी जिंदगी में सुकून की राह दिखाते हैं। महावीर की अहिंसा केवल शारीरिक या बाहरी न होकर, मानसिक और भीतर के जीवन से भी जुड़ी है। दरअसल, जहां अन्य दर्शनों की अहिंसा समाप्त होती है, वहां जैन दर्शन की अहिंसा की शुरुआत होती है। महावीर मन-वचन-कर्म, किसी भी जरिए की गई हिंसा का निषेध करते हैं।

बचपन का नाथ था वर्धमान 
बचपन में महावीर का नाम वर्धमान था, उन्होंने तीस वर्ष की उम्र में राजमहल का सुख-वैभवपूर्ण जीवन त्याग कर तपोमय साधना का रास्ता अपना लिया। इन्होंने कठोर तप से सभी इच्छाओं और विकारों पर काबू पा लिया इसलिए वर्धमान अब महावीर कहलाने लगे। ज्ञान की प्राप्ति के बाद महवीर जन-जन के कल्याण और अभ्युदय के प्रयास में जुट गए।

इसलिए कहलाए तीर्थंकर 
महावीर ने साधु, साध्वी, श्रावक और श्राविका- इन चार तीर्थों की स्थापना की इसलिए यह तीर्थंकर कहलाए। यहां तीर्थ का अर्थ लौकिक तीर्थों से नहीं बल्कि अहिंसा, सत्य आदि की साधना द्वारा अपनी आत्मा को ही तीर्थ बनाने से है। महावीर जयंती के दिन जैन मंदिरों में महावीर की मूर्तियों का अभिषेक किया जाता है। इसके बाद मूर्ति को एक रथ पर बिठाकर जुलूस निकाला जाता है, जिसमें जैन धर्म के अनुयायी बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

भगवान महावीर के विवाह को लेकर मतभेद

बताया जाता है कि भगवान महावीर की शादी यशोधरा नाम की राजकुमारी से हुआ था। विवाहोपरांत भगवान महावीर और यशोधरा ने एक बेटी प्रियदर्शना को जन्म दिया था। हालांकि दिगंबर सुमदाय की मान्यता है कि भगवान महावीर का विवाह नहीं हुआ था, वे ब्रह्मचारी थे।

30 साल की उम्र में गृह त्याग दिया

भगवान महावीर तीस साल की उम्र में गृह त्याग कर, दीक्षा लेकर आत्मकल्याण के पथ पर निकल गये थे। भगवान महावीर ने सांख्य दर्शन का अध्ययन किया। उन्होंने प्राकृतिक भाषा में पहला प्रवचन दिया था। भगवान महावीर अशोक वृक्ष के नीचे बैठकर ध्यान लगाते थे। साढ़े बारह साल तक कठोर तप के बाद उन्हें केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। भगवान महावीर ने पूरे विश्व को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया था और इन्हों ने धर्म पर चलने वाले 5 सिद्धांत बताए थे- सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य और अस्तेय।

महावीर के 5 अनमोल विचार
-मनुष्य के दुखी होने की वजह खुद की गलतियां ही है जो मनुष्य अपनी गलतियों अपर काबू पा सकता है वही मनुष्य सच्चे सुख की प्राप्ति भी कर सकता है।

-आपात स्थिति में मन को डगमगाना नहीं चाहिये।

-आत्मा अकेले आती है अकेले चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है न कोई उसका मित्र बनता है।

-खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है।

-आपने कभी किसी का भला किया हो तो उसे भूल जाओ। और कभी किसी ने आपका बुरा किया हो तो उसे भूल जाअो।

महावीर के संदेश हम लोगों के लिए प्रेरणा स्रोतः पीएम मोदी

पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि भगवान महावीर के शांति, अहिंसा तथा समरसता के संदेश हम लोगों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी ट्वीट कर महावीर जयंती की बधाई दी है। कोविंद ने ट्वीट किया- महावीर जयंती के अवसर पर, मैं सभी देशवासियों, विशेषकर जैन समुदाय को, बधाई देता हूं। भगवान महावीर की शिक्षाएं आज के युग के लिए प्रासंगिक और महत्वपूर्ण हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीटर पर लिखा कि आप सभी को महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने महावीर जयंती की शुभकामनाएं देते हुए लिखा कि आज महावीर जयंती के शुभ अवसर पर बधाई। भगवान महावीर की शिक्षाएं हमें अहिंसा, करुणा और शांति के संदेश के साथ हमेशा प्रेरणा देंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.