SIR का डर या कुछ और... कलकत्ता हाई कोर्ट के गेट पर महिलाओं ने जमकर मचाया उत्पात, किया आत्मदाह का प्रयास
कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य द्वार पर तीन महिलाओं ने आत्मदाह करने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि महिलाओं को डर था कि मतदाता सूची से उनके नाम हटा दिए जाएंगे हालांकि पुलिस को इस दावे पर संदेह है। तीनों महिलाएं दक्षिण 24 परगना जिले की निवासी हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में मंगलवार दोपहर कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य द्वार पर तीन महिलाओं ने खुद को आग लगाकर आत्मदाह करने का प्रयास किया। हालांकि, सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उनके प्रयासों को विफल कर दिया और तीनों को उसी समय पकड़ लिया जब उन्होंने देखा कि उनमें से एक महिला अन्य दो महिलाओं की मदद से अपने शरीर पर मिट्टी का तेल डाल रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के कथित डर से महिलाओं ने यह कदम उठाया। कथित तौर पर उन्हें डर था कि बंगाल में एसआईआर) के बाद उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे।
पुलिस को इस बात का संदेह
हालांकि, पुलिस अधिकारी इस दावे पर संदेह कर रहे हैं क्योंकि बंगाल में एसआईआर अभी शुरू नहीं हुई है। तीनों महिलाओं की पहचान पूर्णिमा हलदर, सुतिश्ना सपुई और बंदना नश्कर के रूप में हुई है। तीनों दक्षिण 24 परगना जिले के बिष्णुपुर थाना क्षेत्र की निवासी हैं।
हाई कोर्ट परिसर में मच गई अफरा तफरी
कोलकाता पुलिस एक अधिकारी ने बताया कि पूर्णिमा हलदर ने अपने शरीर पर मिट्टी का तेल डाला था। उन्हें तुरंत दक्षिण कोलकाता स्थित सरकारी एसएसकेएम मेडिकल कालेज एवं अस्पताल ले जाया गया। इस घटना के चलते हाई कोर्ट परिसर व उसके आसपास अफरातफरी मच गई।
प्रारंभिक चिकित्सा जांच के बाद, पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है ताकि असली वजह पता लगाया जा सके कि उन्होंने हाई कोर्ट के सामने यह कोशिश क्यों की। मालूम हो कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस एसआइआर संशोधन प्रक्रिया का पुरजोर विरोध कर रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।