'काम में तेजी लानी होगी', बंगाल सरकार पर क्यों भड़का सुप्रीम कोर्ट? आरजी कर कांड मामले की चल रही थी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज कांड के मामले में सुनवाई हुई। गौरतलब है कि कोर्ट ने मामले का स्वत संज्ञान लिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिए गए निर्देशों का पालन न करने पर नाराजगी जताई और बंगाल सरकार को फटकार भी लगाई। कोर्ट ने कार्य पूरा करने के लिए अब 15 अक्तूबर तक का समय दिया है। जानिए पूरा मामला।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बंगाल सरकार द्वारा सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीसीटीवी लगाने, शौचालयों और अलग विश्राम कक्षों के निर्माण में धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई।
शीर्ष कोर्ट ने सरकार को 15 अक्टूबर तक चल रहे कार्य को पूरा करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक पीजी डॉक्टर से दुष्कर्म और उसकी हत्या से संबंधित एक स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई कर रहा था।
कोर्ट ने पूछा- प्रगति धीमी क्यों है?
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए काम का कोई भी हिस्सा 50 प्रतिशत से अधिक पूरा नहीं है। पीठ ने बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी से पूछा, 'कार्यों की प्रगति इतनी धीमी क्यों है? आपको कार्रवाई करनी होगी यानी काम में तेजी लानी होगी। '
इस पर अधिवक्ता द्विवेदी ने कहा कि कुछ प्रगति हुई है और हमें कार्य पूरा करने के लिए और समय चाहिए। उन्होंने बताया कि फंड जारी करने में देरी और बाढ़ आदि के कारण लॉजिस्टिक्स में देरी हुई है। कुल 6,178 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने थे, जिनमें से 26 प्रतिशत का काम पूरा हो चुका है और शेष काम 10 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा।