Kolkata Rape Case: कोलकाता सामूहिक दुष्कर्म कांड में CCTV से खुला ये राज, पीड़िता व तीनों आरोपियों के लिए गए DNA
कॉलेज में मौजूद एक सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) ने बताया कि आयोग की सदस्य के अलावा उनके साथ आए दो अन्य लोगों को उनके मोबाइल नंबर नोट करने के बाद परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। उन्होंने बताया कि अंदर वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी की अनुमति नहीं होगी। बाद में अर्चना परिसर में दाखिल हुईं और गार्ड रूम में गईं जहां 25 जून को कथित घटना हुई थी।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता : कोलकाता के बालीगंज स्थित साउथ कलकत्ता ला कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना की जांच के सिलसिले में पुलिस ने पीड़िता व तीनों आरोपितों के डीएनए नमूने लिए हैं। जांचकर्ताओं का मानना है कि इसकी रिपोर्ट इस घटना की जांच में अहम होगी। साथ ही उनके पोशाक भी लिए गए हैं। वहीं पुलिस ने घटना का रीक्रिएशन किया है।
फुटेज में पीड़िता के साथ आरोपितों की तकरार
पीड़िता व उनके माता-पिता का गोपनीय बयान लिया गया है। पुलिस ने आरोपितों के माता-पिता से भी पूछताछ की है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज के साथ पीड़िता का बयान पूरी तरह मेल खा रहा है। मसलन सीसीटीवी फुटेज में पीड़िता के साथ आरोपितों की तकरार, जबरन पीड़िता को कॉलेज के गेट से गार्ड रूम तक ले जाने आदि देखा गया है, जैसा कि पीड़िता ने अपने बयान में कहा था।
विभिन्न संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन
वहीं, घटना की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल के सदस्यों की संख्या पांच से बढ़ाकर नौ कर दी गई है। दूसरी ओर कोलकाता समेत राज्यभर में इस घटना के खिलाफ राजनीतिक दलों तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया। हमें न्याय चाहिए के नारे लगाए गए।
तीनों आरोपितों व एक सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार किया
बता दें कि ला कॉलेज के एक पूर्व छात्र, जो तृणमूल कांग्रेस का कार्यकर्ता बताया जा रहा है, ने गत 25 जून की रात दो वरिष्ठ छात्रों के साथ मिलकर संस्थान के सुरक्षाकर्मियों के कमरे में इस वारदात को अंजाम दिया था। इस घटना में तीनों आरोपितों व एक सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार किया गया है।
एनसीडब्ल्यू की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया
बता दें कि कोलकाता के साउथ कलकत्ता ला कॉलेज की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना की जांच के सिलसिले में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की टीम ने रविवार को घटनास्थल का दौरा किया। आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए।
आयोग छात्रा के साथ खड़ा है
अर्चना ने दावा किया कि पुलिस उन्हें इस बात की जानकारी नहीं दे सकी कि पीड़िता इस समय कहां है। उन्होंने कहा कि आयोग छात्रा के साथ खड़ा है। आयोग का काम पीड़िता की तब तक सहायता करना है, जब तक वह चाहती है। पीड़िता के माता-पिता से भी बात करना जरूरी है।
पुलिस अधिकारियों के साथ बहस
आयोग की सदस्य ने कहा कि यह जांच का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में आयोग पीडि़़ता के साथ-साथ उसके माता-पिता से भी बात करता है और यह जानने की कोशिश करता है कि उन्हें क्या चाहिए, जिसमें सुरक्षा, उसकी शिक्षा को आगे बढ़ाने में सहायता आदि शामिल है। विधि कॉलेज पुहंचीं अर्चना को वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों के साथ बहस करते देखा गया।
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