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    कोलकाता में बारिश से हुई मौतों पर ममता बनर्जी का एलान, पीड़ित परिवारों को 2-2 लाख की आर्थिक मदद

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 10:30 PM (IST)

    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में बारिश से हुई मौतों पर दुख जताते हुए मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। उन्होंने निजी बिजली कंपनी सीईएससी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनसे भी पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का आग्रह किया है। सुवेंदु अधिकारी ने मृतकों के परिजनों को ढ़ाई-ढ़ाई लाख रुपये देने की घोषणा की ।

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    कोलकाता में बारिश से हुई मौतों पर ममता बनर्जी का एलान (फाइल)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता व आसपास के इलाकों में मूसलाधार बारिश के कारण आई आपदा और विभिन्न स्थानों पर करंट लगने की घटनाओं में मारे गए लोगों के स्वजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की बुधवार को घोषणा की।

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    मुख्यमंत्री ने करंट से मौतों के लिए एक बार फिर निजी बिजली कंपनी सीईएससी की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए कंपनी से पीडि़त परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा और नौकरी देने का भी आग्रह किया। ममता ने मंगलवार को भी सीईएसएसी से मुआवजा और नौकरी देने का आग्रह किया था।

    बारिश में मरने वालों की संख्या 11 हुई

    सोमवार रातभर मूसलाधार बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 10 लोगों की कोलकाता में जलभराव के बीच खुले या बिना देखरेख वाले बिजली के तारों के संपर्क में आने से करंट लगने से मौत हो गई।

    दक्षिण कोलकाता में एक दुर्गा पूजा के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए ममता ने कहा कि राज्य सरकार बिजली से मरने वालों के स्वजनों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करेगी। ममता ने कहा कि अगर सीईएससी नौकरी नहीं देती है, तो राज्य सरकार मृतकों के स्वजनों के लिए रोजगार भी सुनिश्चित करेगी। मुख्यमंत्री ने सीईएससी से बिजली से हुई मौतों की जिम्मेदारी लेने की अपील की। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये मौतें सीईएससी की लापरवाही के कारण हुईं है।

    'शहर के ज्यादातर हिस्सों से पानी कम हो गया है'

    भारी बारिश के बाद मंगलवार सुबह से कोलकाता और आसपास के जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति की लगातार समीक्षा कर रही ममता ने कहा कि शहर के ज्यादातर हिस्सों से पानी कम हो गया है। प्रकृति हमारे हाथ में नहीं है। ममता ने कहा कि केंद्र के अधीन कोलकाता बंदरगाह, फरक्का बैराज और डीवीसी के मैथन डैम में पिछले 20 सालों से कोई ड्रेजिंग (सफाई) नहीं हुई है, जिसके चलते ये समस्याएं पैदा हुई है। इस स्थिति के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए ममता ने कहा कि जब भी बिहार, झारखंड या उत्तर प्रदेश में ज्यादा बारिश होती है, पानी बंगाल में बहकर आ जाता है, जिससे यहां जलभराव हो रहा है। हमें सब कुछ खुद ही संभालना पड़ता है।

    ममता ने कहा कि कल प्राकृतिक आपदा आने के बाद से, मैं पिछले दो दिनों से लगातार काम कर रही हूं। पानी काफी कम हो गया है, हालांकि गंगा में काफी बाढ़ आई है। कुछ निचले इलाकों को छोड़कर, ज्यादातर पानी निकल गया है।

    सुवेंदु ने मृतकों के स्वजनों को ढ़ाई लाख रुपये देने की घोषणा की

    इधर, ममता द्वारा मृतकों के स्वजनों को दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने पलटवार करते हुए कहा कि मैं आपदा में मारे गए लोगों के परिवार को ढ़ाई-ढ़ाई लाख रुपये दूंगा। सुवेंदु ने स्थिति के लिए ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह राज्य सरकार की लापरवाही का नतीजा है।

    सुवेंदु ने कहा कि जिन लोगों की जान चली गईं, राज्य सरकार ने उनकी कीमत महज दो लाख रुपये लगाई है। उन्होंने दावा किया कि अगर राज्य ने मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों पर अमल किया होता तो इस आपदा को टाला जा सकता था।

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