इंजीनियरिंग की छात्रा से घर में घुसकर दुष्कर्म, आरोपी सहपाठी गिरफ्तार
कोलकाता में इंजीनियरिंग की छात्रा से दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने एक सहपाठी को गिरफ्तार किया है। छात्रा ने आरोप लगाया कि 26 सितंबर को उसके फ्लैट में उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। दूसरी ओर, कलकत्ता हाई कोर्ट ने दुर्गापुर सामूहिक दुष्कर्म मामले में भाजपा के धरने पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और पुलिस को कानून के अनुसार काम करने का निर्देश दिया।

इंजीनियरिंग छात्रा से दुष्कर्म मामले में आरोपी गिरफ्तार। जागरण फोटो
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। महानगर के आनंदपुर इलाके में इंजीनियरिंग की छात्रा से दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने मंगलवार को उसके सहपाठी को गिरफ्तार किया है। मालूम हो कि छात्रा ने गत आठ अक्टूबर को थाने में दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसने कहा था कि गत 26 सितंबर को आनंदपुर स्थित उसके फ्लैट में उसके एक सहपाठी ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
दुष्कर्म के बाद उसे डरा-धमकाकर अपने घर चले जाने को कहा। उसका घर दूसरे राज्य में है। वह घबराकर अपने घर चली गई और लोक-लाज के डर से किसी को कुछ नहीं कहा। बाद में थोड़ी हिम्मत हुई तो घरवालों को सारी बातें बताई। इसके बाद वह स्वजनों के साथ कोलकाता लौटी और थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई। पुलिस गिरफ्तार युवक से पूछताछ कर रही है।
इंजीनियरिंग छात्रा से दुष्कर्म, सहपाठी गिरफ्तार
कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को दुर्गापुर सामूहिक दुष्कर्म की घटना में भाजपा के धरने में हस्तक्षेप नहीं किया। कोर्ट ने पुलिस को कानून के मुताबिक काम करने को कहा। इस घटना के विरोध में भाजपा मेडिकल कालेज के सामने धरना कार्यक्रम कर रही है। वह 19 अक्टूबर तक कार्यक्रम करना चाहती हैं, लेकिन पुलिस ने कथित तौर पर अनुमति नहीं दी। भाजपा ने धरना जारी रखने की अनुमति मांगने के लिए मंगलवार को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
26 सितंबर को फ्लैट में दुष्कर्म की घटना
पुलिस के वकील ने अदालत में दलील दी कि उनके पास उन अधिकारियों से अनुमति नहीं है जहां भाजपा धरना दे रही है। भाजपा ने अदालत को सूचित किया कि उनके पास आसनसोल और दुर्गापुर के अधिकारियों से अनुमति है। उसके बाद न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा कि अदालत भाजपा के कार्यक्रम में हस्तक्षेप नहीं करेगी। पुलिस को कानून के मुताबिक काम करना होगा। यानी भाजपा धरना जारी रख सकेगी। दूसरी ओर, दुर्गापुर मेडिकल कालेज में परीक्षा है। अस्पताल के अधिकारियों ने यह कहते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया कि इस स्थिति में अराजकता पैदा हो सकती है। अदालत ने कहा कि अस्पताल अधिकारियों की अनुमति के बिना किसी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। अस्पताल में पुलिस तैनात रहेगी।
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