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    कोलकाता कांड के बीच केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, डॉक्टर पर हिंसा हुई तो 6 घंटे के अंदर FIR होगी

    By Agency Edited By: Piyush Kumar
    Updated: Fri, 16 Aug 2024 01:47 PM (IST)

    आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई तोड़फोड़ के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी मेडिकल संस्थानों का आदेश जारी करते हुए बताया कि अगर संस्थान पर हमले होते हैं तो 6 घंटे के भीतर संस्थान प्रमुख एफआईआर दर्ज करवाएं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों को मेमो भेज दिया है।

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    डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर स्वास्ख्य मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लिया है।(फोटो सोर्स: जागरण)

    एएनआई, नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बुधवार आधी रात कुछ लोगों ने अस्पताल परिसर में घुसकर आपातकालीन विभाग में तोड़फोड़ की। अस्पताल में हुई तोड़फोड़ पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिंता जाहिर की। वहीं, डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सरकार एक्शन मोड में आ चुकी है।

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    स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अगर डॉक्टर्स पर हमला या हिंसा होती है तो 6 घंटे के अंदर संस्थानों को संबंधित मामले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवानी होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, डॉक्टर्स पर अगर हमले होते हैं तो 6 घंटे के अंदर एफआईआर दर्ज की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों को मेमो भेज दिया है।

    स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. अतुल गोयल द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) सहित केंद्र सरकार के अस्पतालों के निदेशकों और चिकित्सा अधीक्षकों तथा देश भर के सभी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों को जारी किया गया।

    पुलिस बैरिकेड तोड़कर कर कॉलेज परिसर घुस गई थी भीड़

    बुधवार रात आरजी कर अस्पताल के नजदीक पुलिस बैरिकेड तोड़कर कर भीड़ परिसर में घुस गई थी। कुछ लोगों ने कुर्सियां और बोर्ड तोड़ दिए थे। यह घटना तब हुई जब जूनियर डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए बड़ी संख्या में महिलाएं कोलकाता की सड़कों प्रदर्शन कर रही थीं।

    अस्पताल में हुई तोड़फोड़ पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने जताई चिंता 

    आर जी कर अस्पताल में हुई तोड़फोड़ पर आज कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी चिंता जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि इस घटना को संभालने में राज्य मशीनरी को पूरी तरह नाकाम है। वहीं, कोर्ट ने सलाह दी है कि बेहतर होगा अस्पताल बंद किया जाए और अस्पताल में मौजूद मरीजों को किसी दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया जाए।

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