जानिए, कौन हैं गोपालकृष्ण गांधी जिन्हें विपक्ष ने बनाया उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार
कांग्रेस की अगुवाई में आयोजित बैठक में उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर गोपालकृष्ण गांधी के नाम पर फैसला लिया गया। यहां विस्तार से जानिए उनके बारे में।
नई दिल्ली, जेएनएन। महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार होंगे। कांग्रेस की अगुवाई में आयोजित विपक्ष की बैठक में उनके नाम पर फैसला लिया गया। आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि कौन हैं गोपालकृष्ण गांधी और प्रकाश डालते हैं उनके अब तक के कार्यकाल पर।
गोपालकृष्ण गांधी का जन्म 22 अप्रैल 1945 को हुआ था। वह देवदास गांधी और लक्ष्मी गांधी के बेटे हैं। सी राजगोपालचारी उनके नाना थे। सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में एमए की डिग्री हासिल करने के बाद गोपालकृष्ण गांधी ने 1968 से 1992 तक एक आइएस अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दीं। वह स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हुए। बतौर आइएस अधिकारी उन्होंने तमिलनाडु में अपनी सेवाएं दीं। वह 1985 से 1987 तक उपराष्ट्रपति के सेक्रेटरी भी रहे। वहीं 1987 से 1992 तक राष्ट्रपति के ज्वाइंट सेक्रेटरी और 1997 में राष्ट्रपति के सेक्रेटरी भी रहे।
गोपालकृष्ण गांधी ने ब्रिटेन में भारत के उच्चायोग में सांस्कृतिक मंत्री और लंदन में नेहरू सेंटर के डायरेक्टर के तौर पर भी अपनी सेवाएं दीं। वह दक्षिण अफ्रीका के एक अत्यधिक लोकप्रिय उच्चायुक्त भी रहे, जहां 1996 में उन्हें नियुक्त किया गया था। लेसोथो में भी उन्होंने भारत के उच्चायुक्त के तौर पर अपनी सेवाएं दीं। बाद में उन्हें 2000 में श्रीलंका में भारत का उच्चायुक्त और 2002 में नार्वे में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया। आइसलैंड में भी भारत का राजदूत बनाया गया। वहीं 2004 से 2009 तक गोपालकृष्ण गांधी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के तौर पर भी अपनी सेवाएं दीं।
इसके अलावा गोपालकृष्ण गांधी ने विक्रम सेठ के 'अ सुटेबल ब्वॉय' का हिंदी में अनुवाद किया है। वहीं श्रीलंका के तमिल वृक्षारोपण कर्मचारियों पर एक उपन्यास भी लिखा है। गोपालकृष्ण गांधी और उनकी पत्नी तारा गांधी की दो बेटियां हैं।
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