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जानिए किस राज्य की जेलों में बंद कैदी बना रहे कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क

केरल की जेलों में बंद कैदियों को अब कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए मास्क बनाने के काम में लगा दिया गया है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Sun, 15 Mar 2020 06:07 PM (IST)Updated: Mon, 16 Mar 2020 12:13 PM (IST)
जानिए किस राज्य की जेलों में बंद कैदी बना रहे कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क

नई दिल्ली। चीन के बाद दुनिया के 136 देश कोरोना वायरस के संक्रमण से परेशान है। चीन ने अब लगभग कोरोना वायरस पर काबू पा लिया है, उनके यहां कोरोना के मरीजों के लिए बनाए गए अस्थायी अस्पताल खत्म किए जा रहे हैं। जिन रास्तों को बंद कर दिया गया था अब वो खोले जा रहे हैं। चीन वापस अपनी गति से काम करना शुरू कर रहा है। इस बीच जिन देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है वो अपने को इसके लिए तैयार करने में लग गए हैं। मास्क और सैनिटाइजर की आपूर्ति बढ़ाई जा रही है। 

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दरअसल जब चीन में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला था उस दौरान वहां भी मास्क और सैनिटाइजर कम पड़ गए थे, उसके बाद दूसरे देशों ने चीन को मास्क और सैनिटाइजर मुहैया कराए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है और सभी देशों से उसी हिसाब से कदम उठाने के लिए भी कहा है। भारत में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। यहां भी कई राज्यों में मास्क और सैनिटाइजरों की कमी पड़ गई है, इस बीच कुछ लोकल कंपनियों ने अपनी प्रोडक्शन बढ़ा दिए हैं मगर वो मानकों के हिसाब से नहीं है। कुछ फर्जी कंपनियां भी मौके का फायदा उठाकर सैनिटाइजर और मास्क बना रही है, ऐसी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है।

कुछ देशों ने कोरोना संक्रमण फैलने पर अपने यहां की जेलों में बंद कैदियों को रिहा कर दिया था जबकि भारत के केरल राज्य ने अपने यहां की जेलों में बंद कैदियों को रिहा नहीं किया बल्कि उनको कोरोना वायरस से बचाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मास्क बनाने के काम में लगा दिया है। दरअसर जब से भारत में कोरोना के मरीज पाए जाने लगे हैं उसके बाद से ही इन मास्कों की डिमांड भी काफी बढ़ गई है। कई कंपनियों को एक्सट्रा निर्माण करने के लिए कहा गया है। कुछ दिन पहले तक केरल में COVID-19 मामलों की संख्या सबसे अधिक थी। 31 पुष्टिकृत कोरोनोवायरस मामलों के साथ, महाराष्ट्र राज्य अब कुल पुष्टि मामलों की संख्या के मामले में केरल (22 मामलों) से आगे निकल गया है।

केरल के राज्य प्रमुख पिनाराई विजयन ने शनिवार देर शाम ट्वीट किया कि मास्क की कमी को देखते हुए राज्य की जेलों को मास्क बनाने के काम में लगा दिया गया है। वहां जो कैदी बंद है उन सभी को इस काम में लगा दिया गया है जिससे मास्क की कमी न पड़ने पाए। ऐसा माना जा रहा है कि अभी कोरोना वायरस के संक्रमण वाले मरीजों की संख्या में इजाफा होगा तो इस तरह के मास्कों की मांग और बढ़ेगी ऐसे में अभी से निर्माण किया जाएगा तो कमी नहीं पड़ने पाएगी और लोग इसका इस्तेमाल करके बच सकेंगे। कुछ दिन पहले केरल की जेल में इसका निर्माण शुरू कर दिया गया था, उसकी पहले खेप तिरुवनंतपुरम जेल के जेल अधिकारियों को सौंप दी गई।

राज्य ने तिरुवनंतपुरम जेल के अलावा सात और जिला जेलों में सिलाई इकाइयों को स्थापित कर दिया गया है, यहां पर इन मास्कों की सिलाई का काम किया जाएगा। केरेला के तिरुवनंतपुरम के एक सरकारी अस्पताल, इन हाउस ड्रग बैंक के मार्गदर्शन में जेल के कैदियों द्वारा पुन: उपयोग करने योग्य डबल लेयर (दो-स्तरित कपास) मास्क का उत्पादन किया जा रहा है। दवा बैंक, जेलों से खरीदे गए मुखौटों को बाजार में 10 रूपये में खरीदेगा। उसके बाद वो उसे बाजार में पहुंचाएगा। COVID-19 के प्रकोप के बीच फेस मास्क और हैंड सैनिटाइज़र सबसे अधिक मांग वाली वस्तु बन गए हैं, केरल सरकार भी सैनिटाइज़र की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने की योजना बना रही है।  


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