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जानिए क्या होता है सेना में स्थायी कमीशन का मतलब, महिला सैनिकों को क्या-क्या मिलेंगे फायदे

कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार युद्ध क्षेत्र को छोड़कर बाकी सभी क्षेत्रों में महिला अधिकारियों को स्थायी कमान देने के लिए बाध्य है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 04:51 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 12:46 AM (IST)
जानिए क्या होता है सेना में स्थायी कमीशन का मतलब, महिला सैनिकों को क्या-क्या मिलेंगे फायदे
जानिए क्या होता है सेना में स्थायी कमीशन का मतलब, महिला सैनिकों को क्या-क्या मिलेंगे फायदे

नई दिल्ली। दुनिया में बहुत से देश ऐसे हैं जहां पर सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन दिया जाता है भारत में अभी तक ऐसा नहीं था। सेना में स्थायी कमीशन दिए जाने को लेकर एक केस दिल्ली हाईकोर्ट में फाइल किया गया था। इस पर दिल्ली हाइकोर्ट ने फैसला दिया था कि महिलाओं को कमीशन दिया जाना चाहिए। उसके बाद केंद्र की ओर से इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी गई। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगा दी। इससे सेना में काम कर रही महिला अधिकारियों में खुशी है। 

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इसमें कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार युद्ध क्षेत्र को छोड़कर बाकी सभी क्षेत्रों में महिला अधिकारियों को स्थायी कमान देने के लिए बाध्य है। साथ ही ये भी लिखा कि सामाजिक और मानसिक कारण बताकर महिलाओं को इस अवसर से वंचित करना भेदभावपूर्ण है, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

कई देशों की सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन

दुनिया के बहुत से देश ऐसे हैं जहां सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन दिया जाता है। भारतीय सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के मिलने से अब वो बराबरी का हक पा सकेंगी। इससे महिलाओं का न केवल रक्षा के क्षेत्र में डंका बजेगा बल्कि सभी सेवा कर्मियों के लिए अवसर की समानता भी उपलब्ध होगी। दरअसल दुनिया के कई देशों में सेना में कार्यरत महिला अधिकारियों को पहले सिर्फ न्यायाधीश एडवोकेट जनरल और सेना शिक्षा कोर में ही स्थायी कमीशन दिया जाता था, इसके बाद इनकी संख्या में बढ़ोतरी की गई। एक बात ये भी है कि युद्ध क्षेत्र में महिलाओं को तैनाती नहीं दी जाएगी।

इन विभागों में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन

महिला अधिकारियों को न्यायाधीश एडवोकेट जनरल, सेना शिक्षा कोर, सिग्नल इंजीनियर, आर्मी एविएशन, आर्मी एयर डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स और इंटेलिजेंस कोर में स्थायी कमीशन दिया जा सकेगा।

क्या होंगे बदलाव

सेना में स्थायी कमीशन को हरी झंडी मिल जाने का मतलब ये हो जाएगा कि जब किसी महिला की सेना में नियुक्ति हो जाएगी तो वो महिला सैन्य अधिकारी रिटायरमेंट की उम्र तक सेना में काम कर पाएगी। यदि किसी कारण से वो पहले नौकरी से इस्तीफा देना चाहेगी तो दे सकती है। एक बात ये भी होगी कि शार्ट सर्विस कमीशन के तहत सेना में नौकरी कर रही महिला अधिकारियों को अब स्थायी कमीशन चुनने का विकल्प दिया जाएगा। अब स्थायी कमीशन मिल जाने के बाद महिला अधिकारी पेंशन पाने की भी हकदार हो जाएंगी। 

अभी तक शार्ट सर्विस कमीशन से होती थी महिलाओं की सेना में एंट्री

अभी तक सेना में महिलाओं की भर्ती शार्ट सर्विस कमीशन(एसएससी) के माध्यम से होती थी। इस माध्यम से भर्ती होने के बाद वो 14 साल तक सेना में नौकरी करती थीं। इस 14 साल के बाद उन्हें रिटायर कर दिया जाता था। सेना में पेशन पाने के लिए 20 साल तक नौकरी पूरी करने का भी नियम है। 

बदलते रहे एसएससी के नियम-कानून

सेना में शार्ट सर्विस कमीशन(एसएससी) के नियम कानून समय-समय पर बदलते रहे। पहले इसके तहत भर्ती महिलाएं केवल 10 साल तक ही नौकरी कर पाती थीं। बाद में 7 वें वेतन आयोग में नौकरी की अवधि को बढ़ाकर 14 साल कर दिया गया। उसके बाद ये 20 तक पहुंचा।

शार्ट सर्विस कमीशन से नुकसान

महिला अधिकारियों को सेना में शार्ट सर्विस कमीशन के द्वारा 14 साल की नौकरी करने के बाद सबसे बड़ी मुश्किल दुबारा से रोजगार मिलने की होती थी। इनको पेंशन भी नहीं मिलती है जिससे इनके सामने रिटायरमेंट के बाद रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाता है। इसके अतिरिक्त भी कई ऐसी सुविधाएं हैं जो इन महिला अधिकारियों को नहीं मिल पा रही थीं। अब स्थायी कमीशन लागू हो जाने के बाद उन्हें सुविधाएं और पेंशन दोनों मिल सकेंगी। 

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