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    Jagran Trending | What is Biological Diversity | बेहद सरल शब्‍दों में जानिए क्‍या है जैव विविधता? मानव अस्तित्‍व के लिए क्‍यों है जरूरी

    By Ramesh MishraEdited By:
    Updated: Thu, 02 Jun 2022 08:23 AM (IST)

    एक अनुमान के अनुसार संसार में कुल प्रजातियों की संख्‍या 20 लाख से 10 करोड़ तक है। उन्‍होंने कहा कि अब वैज्ञानिक नई प्रजातियों की खोज में जुटे हैं। यह खोज लगातार जारी है। करीब 99 फीसद प्रजातियां जो कभी धरती पर रहती थी आज विलुप्‍त हो चुकी हैं।

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    What is Biological Diversity | बेहद सरल शब्‍दों में जानिए क्‍या है जैव विविधता। फाइल फोटो।

    नई दिल्‍ली, रमेश मिश्र। What is Biological Diversity : जैव विविधता की इस कड़ी में यह जानेंगे कि जैव विविधता को बनाए रखना मानव अस्तित्‍व को बनाए रखने के लिए क्‍यों जरूरी है? जैव विविधता का मनुष्‍यों के लिए क्‍या फायदा है? आखिर क्‍या है जैव‍ विविधता? क्‍यों प्रत्‍येक वर्ष दुनिया इसे एक दिवस के रूप में मनाती है। यह मानव सभ्‍यता के लिए क्‍यों उपयोगी है। इसे संरक्षित करना क्‍यों है अहम। इसके साथ सरल शब्‍दों में जानेंगे कि जैव विविधता क्‍या है? जैव विविधता दिवस मनाना कब से आरंभ हुआ? क्‍या है जैव विविधता दिवस 2022 की थीम? इस सब मसलों पर क्‍या है विशेषज्ञों की राय।

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    1- पर्यावरणविद विजयपाल बधेल का कहना है कि मानव जीवन के प्रारंभ होने से पहले धरती पर जैव विविधता किसी भी अन्‍य काल से अधिक थी। मानव के आने से जैव विव‍िधता में तेजी से कमी आने लगी, क्‍योंकि किसी एक या अन्‍य प्रजाति का आवश्‍यकता से अधिक उपभोग होने के कारण वह लुप्‍त होने लगी। उन्‍होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार संसार में कुल प्रजातियों की संख्‍या 20 लाख से 10 करोड़ तक है। उन्‍होंने कहा कि अब वैज्ञानिक नई प्रजातियों की खोज में जुटे हैं। यह खोज लगातार जारी है। पर्यावरणविद बघेल ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार दक्षिण अमेरिका की ताजे पानी की करीब 40 फीसद मछलियां का वर्गीकरण नहीं हुआ है। इसी तरह उष्‍ण कटिबंधीय वनों में जैव विविधता की अधिकता है।

    2- पर्यावरणविद बधेल का कहना है कि ऐसा माना जाता है कि करीब 99 फीसद प्रजातियां जो कभी धरती पर रहती थी आज विलुप्‍त हो चुकी हैं। उन्‍होंने कहा कि इस पृथ्‍वी की जैव विविधता एक जैसी नहीं है। उन्‍होंने कहा कि उष्‍ण कटिबंधीय प्रदेशों में यह अधिक है, जैसे-जैसे हम ध्रुवीय प्रदेशों की तरफ बढ़ते हैं प्रजातियों की यह विविधता नहीं मिलती है। उन्‍होंने कहा कि यह जैव विविधता दो शब्‍दों के मेल से बना है। बायो का अर्थ है जीव तथा डाइवर्सिटी का अर्थ है विविधता। साधारण शब्‍दों में किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में पाए जाने वाले जीवों की संख्‍या और उनकी विविधता को जैव विविधता कहते हैं। इसका संबंध पौधों के प्रकार व प्राणियों तथा सूक्ष्‍म जीवाणुओं से है। उन्‍होंने कहा कि जैव विविधता एक सजीव संपदा है। यह विकास यात्रा के लाखों वर्षों का परिणाम है।

    3- उन्‍होंने कहा कि प्रजातियों की विविधता जलवायु को नियंत्रित करने में सहायक होती हैं। इसके अतिरिक्‍त यह वायुमंडलीय गैस को स्थिर करने में मदद करती है। इसी जैव विविधता के कारण ही यह धरती मानव के रहने योग्‍य बनी है। उन्‍होंने कहा कि परितंत्र में जितनी विविधता होगी प्रजातियों के प्रतिकूल स्थितियों में रहने की संभावना और उनकी उत्‍पादकता भी उतनी ही अधिक होगी। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि जिस परितंत्र में जितनी प्रकार की प्रजातियां होंगी वह परितंत्र उतना ही अधिक स्‍थाई होगा। उन्‍होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों से जनसंख्‍या वृद्धि व प्राकृतिक आपदा के कारण और अन्‍य कारणों से इन प्रजातियों के अस्तित्‍व पर खतरा मंडरा रहा है।

    4- पर्यावरणविद बघेल का कहना है कि प्राकृतिक संसाधनों व पर्यावरण संरक्षण की अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍था इंटरनेशनल यूनियन फार द कंजरवेशन आफ नेजर एंड नेचुरल रिसोर्सेज आईयूसीएन ने संकटग्रस्‍त पौधों व जीवों की प्रजातियों को उनके संरक्षण के मकसद से तीन भागों में विभाजित किया है। इसमें वह सभी प्रजातियां शामिल हैं, जिनके लुप्‍त हो जाने का खतरा है। यह संस्‍था विश्‍व की सभी संकटग्रस्‍त प्रजातियों के बारे में रेल लिस्‍ट के नाम से सूची जारी करता है। यह संस्‍था उन प्रजातियों की सूची भी जारी करती है, जो संकटग्रस्‍त होने के कगार पर हैं। यानी यदि इन प्रजातियों को संरक्षित नहीं किया गया तो वह विलुप्‍त हो सकती हैं। या निकट भविष्‍य में उनके विलुप्‍त होने का खतरा है। 

    आखिर कब प्रारंभ हुआ जैव‍ विविधता दिवस

    29 दिसंबर 1992 को संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ के तत्‍वाधान में नैरोबी में जलवायु सम्‍मेलन में जैव विविधता पर दुनिया का ध्‍यान गया। इस सम्‍मेलन में यह फैसला लिया गया कि प्रत्‍येक वर्ष वैश्विक स्‍तर पर जैव विविधता दिवस मनाया जाएगा। पहले इसे 29 मई को मनाने का फैसला लिया गया था, लेकिन बाद में इसे 22 मई को मनाने पर सहमति बनी। तब से 22 मई को पूरी दुनिया में जैव विविधता दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई। संयुक्‍त राष्‍ट्र के तत्‍वाधान में मनाए जाने वाले सभी दिवसों के लिए एक विशेष थीम होती है। विविधताओं के संरक्षण के लिए और इस समस्‍या से सभी को जागरूक करने के लिए वर्ष 2022 की थीम है 'हम समाधान का हिस्‍सा हैं'(we are part of solution)।

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