जानिए चूहों का एक जोड़ा साल भर में कितने बच्चों को देता है जन्म, कितना खाते हैं खाना
एक अध्ययन में सामने आया है कि देश दुनिया भर के चूहे 40 करोड़ लोगों के अनाज खा जाते हैं। इसके अलावा ये चूहे 25 लाख टन से अधिक अनाज को खराब कर देते हैं।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। देश दुनिया के तमाम हिस्सों में चूहे चीजों को कुतर-कुतर कर नुकसान पहुंचा रहे हैं, साथ ही बीमारियां फैलाने में भी भूमिका निभा रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 240 करोड़ से ज्यादा चूहे हैं, ये चूहे देश के 40 करोड़ लोगों के भूख मिटाने लायक अनाज खा जाते हैं। इसके अलावा ये चूहे 25 लाख टन से अधिक अनाज को खराब भी कर देते हैं।
देश दुनिया में ये चूहे सिर्फ अनाज ही खराब नहीं करते हैं बल्कि बीमारी फैलाने में भी भूमिका निभाते हैं। बेशकीमती कपड़ों को काट देने, घरों में खुदाई करके गड्ढा बना देने और खेत में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाने का काम भी ये चूहे करते हैं। चूहों के जीवन, उनकी जनसंख्या और पहुंचाने वाले नुकसान पर फोकस करते हुए पानसे कमिटी ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसी रिपोर्ट में इन चीजों का उल्लेख किया गया है।
दुनिया में हर दिन जन्म लेते हैं लगभग 40 लाख चूहे, जानिए कारण
रिपोर्ट के अनुसार देश के अलग-अलग राज्यों में 240 करोड़ से अधिक चूहे हैं। इतने चूहे 40 करोड़ लोगों की भूख मिटाने लायक अनाज को खा जाते है, इसके अलावा 25 लाख टन से अधिक अनाज को खराब कर देते हैं। अनाजों के अलावा ये अन्य चीजों का भी नुकसान पहुंचाते हैं।
बीमारी फैलाकर भी पहुंचा रहे हानि
चूहे देखने में तो छोटे लगते हैं मगर नुकसान बहुत करते हैं। इनके ऊपर एक कहावत देखन में छोटन लगे, घाव करे गंभीर पूरी तरह से सटीक बैठती है। चूहे केवल तरह-तरह की बीमारी फैलाकर ही हमें भारी हानि नहीं पहुंचाते हैं बल्कि वे सालाना इतने अनाज का नुकसान करते हैं जिससे करोड़ों लोगों का पेट भरा जा सकता है। राष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार चूहे देश में खेतों में खड़ी फसलों को 5-15 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचाते हैं।
चूहे रोजाना एक आदमी का खा रहे खाना
एक अनुमान के अनुसार चूहों से खाद्यान्नों का अनुमानित हानि सालाना लगभग 24-26 लाख टन है। एक अनुमान के अनुसार 6 चूहे रोजाना एक आदमी का खाना खा जाते हैं। इसके अलावा अन्य जगहों पर रखे राशन और अन्य चीजों को खाने और कुतरने का काम चलता रहता है।
भंडारण को चूहों से 2.5 फीसदी हो रहा नुकसान
पानसे कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार भंडारण में लगभग 2.5 प्रतिशत नुकसान चूहों के कारण होता है। चूहे रोजाना अपने शरीर के वजन का लगभग आठ से 15 प्रतिशत खाद्यान्न खा जाते हैं। चूहों से कृषि को होने वाले नुकसान की रोकथाम के लिए केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जोधपुर के तहत अखिल भारतीय रोडेंट नियंत्रण अनुसंधान की परियोजना चल रही है। इसमें चूहों ने निपटने के लिए वैज्ञानिक किसानों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।
एक साल में देते हैं 1000 बच्चों को जन्म
रोडेंट नियंत्रण नेटवर्क से जुड़े शोध के अनुसार चूहों में असीमित प्रजनन क्षमता होती है। शोध के अनुसार एक जोड़ा चूहा एक साल में लगभग 800 से 1200 तक चूहों को जन्म देता है। जन्म लेने वाले चूहे 100 फीसदी जिंदा नहीं रह पाते हैं मगर 80 फीसदी जिंदा रह जाते हैं।
एक साल तक बिना पानी के जीवित रह सकता चूहा
मरुस्थल और समतल इलाके में पाए जाने वाले चूहों का जीवन अलग-अलग होता है। मरुस्थल में पाया जाने वाला जरबिल चूहा एक साल तक बिना पानी के जीवित रह सकता है। वहीं दूसरी ओर आम चूहे भी तीन से सात दिन तक पानी और भोजन के रह सकते हैं।
हर दिन लगभग 40 लाख चूहे ले रहे जन्म
पिछले साल जर्मनी में आयोजित इंटरनेशनल रोडेंट बायलॉजी एंड मैनेजमेंट सम्मेलन की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में हर दिन लगभग 40 लाख चूहे जन्म लेते हैं। ये अलग-अलग वैरायटी के होते हैं। इन सभी में जीवन जीने और उनसे लड़ने की क्षमता अलग-अलग होती है।
रोजाना चूहों के दांत में 0.4 मिलीमीटर की होती है बढ़ोतरी
चूहों के दांत में प्रतिदिन 0.4 मिलीमीटर की दर से बढ़ोतरी होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार चूहों में छेनी के आकार की एक जोड़ी कुतरने वाले दांत होते हैं जिसे इंसाइजर कहा जाता है। ये चूहे इसी दांत की बदौलत चीजों को काट-काटकर नुकसान पहुंचाते रहते हैं।
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