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जानिए, कैसे एक घटना ने नारायण मूर्ति को वामपंथी से एक सफल पूंजीवादी बना दिया

नारायण मूर्ति ने कहा कि भारत में करीब 58 फीसद आबादी कृषि पर निर्भर है लेकिन जीडीपी में कृषि का योगदान मात्र 14 फीसद है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 01:51 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 01:57 AM (IST)
जानिए, कैसे एक घटना ने नारायण मूर्ति को वामपंथी से एक सफल पूंजीवादी बना दिया
जानिए, कैसे एक घटना ने नारायण मूर्ति को वामपंथी से एक सफल पूंजीवादी बना दिया

मुंबई, प्रेट्र। 1974 में एक कड़वे अनुभव ने देश को एनआर नारायण मूर्ति जैसा सफल और प्रतिबद्ध पूंजीपति दे दिया। रविवार को आइआइटी बांबे द्वारा आयोजित टेक फेस्ट में उपस्थित लोगों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने अपना अनुभव साझा किया।

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घटना सर्बिया और बुल्गारिया के सीमाई कस्बे निस की है। ट्रेन में सफर के दौरान एक लड़की से चर्चा ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया था। मूर्ति ने बताया, 'हम दोनों बुल्गारिया में लोगों के जीवन पर चर्चा कर रहे थे। लेकिन शायद उस लड़की के साथ चल रहा लड़का किसी बात पर हमसे नाराज हो गया और उसने पुलिस बुला ली। बुल्गारिया के सुरक्षाकर्मियों ने मेरा पासपोर्ट व सामान छीन लिया और मुझे एक छोटे से कमरे में बंद कर दिया। मुझे कुछ खाने-पीने को भी नहीं दिया गया।' इस दौरान पांच दिन बिना खाए-पिए बीत गए। बाद में उन्हें एक मालगाड़ी में गार्ड वाले कंपार्टमेंट में बैठा दिया गया।

कम्यूनिस्ट देश का नहीं बनना चाहूंगा हिस्सा: नारायण मूर्ति

मूर्ति ने बताया, 'एक गार्ड ने कहा कि मित्र देश भारत से होने के कारण मुझे छोड़ा जा रहा है, लेकिन पासपोर्ट इस्तांबुल पहुंचने के बाद ही दिया जाएगा। तब मेरे मन में विचार आया कि कोई देश अपने मित्रों से ऐसा व्यवहार करता है क्या। मैं कभी किसी कम्युनिस्ट देश का हिस्सा नहीं बनना चाहूंगा। यहीं से मैं भ्रमित वामपंथी के बजाय प्रतिबद्ध पूंजीवादी बन गया।' इस घटना ने मूर्ति को उद्यमी बनने की प्रेरणा दी।

रोजगार से ही मिटेगी विषमता

नारायण मूर्ति ने देश में विषमता खत्म करने के लिए तर्कसंगत आय वाले रोजगार के अवसर पैदा करने की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत में करीब 58 फीसद आबादी कृषि पर निर्भर है, लेकिन जीडीपी में कृषि का योगदान मात्र 14 फीसद है। ज्यादा से ज्यादा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर कृषि उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है। मूर्ति ने गरीबी दूर करने के लिए ढांचागत सुधारों पर भी जोर दिया।


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