Radio Frequency Identification Tags: जानें क्या है RFID टैग जो इस बार अमरनाथ यात्रा पर जाने वालों को दे रहा हाइटेक सिक्योरिटी
What is RFID Tag? 30 जून से शुरू हो चुकी अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के साथ रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग का होना अनिवार्य है । इस टैग से उनकी सुरक्षा और मजबूत हो गई है। श्रद्धालुओं ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार जताया है।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। अक्सर किसी भी तीर्थयात्रा में जाने वाले श्रद्धालुओं के जत्थे में एक न एक के बिछड़ने या गुम हो जाने की घटना होती ही है। इसे देखते हुए अमरनाथ यात्रा 2022 के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के साथ नई पहल की गई है। यह है RFID टैग जिसे शख्स के आधार कार्ड के नंबर से जोड़ा गया है ताकि उन्हें ढूंढना आसान हो सके। अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा समेत तमाम सुविधाओं का ध्यान रखना प्रशासन की जिम्मेवारी होती है।
श्रद्धालुओं के लिए इस बार प्रशासन ने एक नई शुरुआत की है- 'रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID)' टैग। यात्रा पर रवाना होने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए जिस तरह रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होता है उसी तरह RFID को भी आवश्यक कर दिया गया है। बता दें कि 30 जून से यह यात्रा शुरू हो चुकी है और 11 अगस्त तक चलेगी। इसके लिए रजिस्ट्रेशन 9 अगस्त तक चलेगा। बता दें कि यात्रा के लिए तैयारियां काफी पहले से शुरू हो चुकीं थीं।
RFID टैग की तारीफ करते नहीं थक रहे श्रद्धालु, प्रधानमंत्री मोदी का जताया आभार
अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को यह काफी फायदेमंद लग रहा है। भोपाल से अमरनाथ यात्रा पर आए श्रद्धालुओं के समूह ने इस RFID कार्ड को बेहतरीन बताया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति इसके लिए आभार व्यक्त किया है। इन्होंने कहा कि इससे हमारी सुरक्षा और बेहतरीन हो गई। बम बम भोले का नारा लगाते समूह में से एक श्रद्धालु ने कहा, 'यदि हमारा कोई साथी इस यात्रा के दौरान बिछड़ जाता है तो RFID के सहारे हम इसका आसानी से पता लगा सकेंगे।' इन सभी यात्रियों ने गले में पहचान पत्र की तरह RFID टैग को पहना हुआ है जिसे अमरनाथ श्राइन बोर्ड (SASB) ने अनिवार्य कर दिया है। श्रद्धालुओं के कार्ड में एक नंबर होता है जिसके आधार उन्हें ट्रैक किया जा सकता है। RFID कार्ड आधार कार्ड से लिंक किया गया है। इसलिए यदि कोई बिछड़ जाता है या गुम हो जाता है तब उसे तुरंत खोजा जा सकता है। यह बहुत अच्छी पहल है।
आसानी से होगी ट्रैकिंग
इसके जरिए श्रद्धालुओं की आसानी से ट्रैकिंग की जा सकेगी और इन्हें जरूरी सुरक्षा दी जा सकेगी। इसके अलावा अमरनाथ यात्रा पर जाने वालों के लिए हर साल की तरह इस बार भी नियम लागू किए गए हैं। पंजीयन 9 अगस्त तक करा सकते हैं। अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। प्रत्येक यात्री को कलाई में बांधने के लिए एक रिस्टबैंड दिया जाएगा। इसमें जीपीएस (माइक्रोचिप) रहेगी, जिसके जरिए सेटेलाइट के माध्यम से उसकी लोकेशन का पता चलता रहेगा। किसी घटना-दुर्घटना की स्थिति में कौन सा यात्री कहां है, यह पता लगाया जा सकेगा। यात्रा मार्ग पर तीर्थ यात्री निवास भी बनाए जा रहे हैं।
रजिस्ट्रेशन की सुविधा
अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने इस बार तमाम सुविधाओं के साथ पूर्व पंजीयन न होने पर मौके पर ही तुरंत पंजीकरण सुविधा जम्मू, श्रीनगर, पहलगांव व बालटाल आदि जगह उपलब्ध कराई है। आधार कार्ड की फोटो कापी लेकर RFID उपलब्ध कराए जा रहे हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड, चार फोटो, मेडिकल टेस्ट जरूरी होता है। आदि के माध्यम से तुरंत पंजीकरण कराया जाएगा। वहीं RFID के लिए आधार कार्ड की कापी चाहिए। उसे हमेशा साथ रखना है।
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