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जानें, क्या है कामोव केए-226T हेलीकॉप्टर की खासियत

रूस की रोस्टेक कंपनी द्वारा निर्मित कामोव हेलीकॉप्टर का निर्माण अब भारत में ही किया जाएगा। उत्पादन के पहले चरण में 200 हेलाकॉप्टर का निर्माण एचएएल में होगा।

By Lalit RaiEdited By: Published: Thu, 13 Oct 2016 12:42 PM (IST)Updated: Sat, 15 Oct 2016 10:49 AM (IST)
जानें, क्या है कामोव केए-226T हेलीकॉप्टर की खासियत

नई दिल्ली(जेएनएन)। रक्षा क्षेत्र में मेैन्युफैक्चरिंग को बड़ा बूस्ट मिला है। रूस की कंपनी रोसटेक ने भारत में सैन्य हेलीकॉप्टर बनाने का फैसला किया है। इसके तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल ) के साथ ज्वाइंट वेंचर किया गया है। रोसटेक के मुताबिक एचएएल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में कम से कम 200 हेलीकॉप्टर का उत्पादन किया जाएगा।

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कामोव केए-226 T की खासियत

-कामोव केए-226T एक लाइट वेट मल्टीेपरपज हेलीकॉप्टर है

-हेलीकॉप्टर केए-226T में आधुनिक नेविगेशन उपकरण लगे हुए हैं।

- कामोव हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से किया जा सकता है।

- कामोव हेलीकॉप्टर का पिछला हिस्सा और आकार छोटा होने से इसे छोटे हवाई अड्डों पर भी लैंड या टेक ऑफ की अनुमति मिल जाती है।

- कामोव हेलीकॉप्टर से बहुत ही कम ध्वानि प्रदूषण होता है।

- नवीनतम आधुनिक पर्यावरण आवश्यकताओं को पूरा करता है।

- हेलीकॉप्टर में रीप्लेनकेबल ट्रांसपोर्ट मॉड्यूल लगा हुआ है, जिससे कम समय में यह अपनी कार्यक्षमता बदलने में सक्षम है।

मेक इन इंडिया कार्यक्रम को कामयाबी

रोसटेक स्टेट कॉरपोरेशन के सीईओ सर्गेई कीमेजॉव ने कहा कि यह समझौता भारतीय सहयोगियों के साथ हमारे लंबे कार्यों का परीणाम है। उन्होंने कहा कि यह पहला रूस-इंडिया का हाई-टेक प्रोजेक्ट है, जिसका क्रियान्वयन ‘मेक इन इंडिया’ प्रोग्राम के तहत भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है।रूस-इंडिया ज्वाइंट वेंचर में रूस की तरफ से इसमें होल्डिंग्स ऑफ रोसटेक-जेएससी रोसोबोरॉनएक्सपोर्ट-रशियन हेलीकॉप्टर्स और भारत की तरफ से एचएएल (हिन्दुिस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) शामिल हैं।

क्या है रोस्टेक स्टेट कॉरपोरेशन ?

रोस्टेक स्टेट कारपोरेशन 700 रूसी कंपनियों का एक संगठन है। जिसकी स्थापना 2007 में सैन्य एवं असैन्य उददेश्यों के लिए उच्च प्रौद्योगिकी वाले औद्योगिक उत्पादों के विकास, उत्पादन एवं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। यह समक्षौता रूस और भारत के बीच हेलिकाप्टर उत्पादन एवं सेवा में सहयोग में अगला बड़ा कदम होगा।


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