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    मुलायम सिंह यादव: एक पहलवान जिसने राजनीतिक अखाड़े में दे दी बड़े-बड़े दिग्गजों को पटखनी

    By Jagran NewsEdited By: Jeet Kumar
    Updated: Tue, 10 Oct 2023 07:01 AM (IST)

    मुलायम सिंह यादव की आज पहली पुण्यतिथि है और उनको उनके पैतृक गांव सैफई में श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस दौरान सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत दिग्गज पार्टी नेता मौजूद रहेंगे। मुलायम सिंह यादव ने काफी लंबी राजनीतिक पारी खेली जिसमें उन्होंने न जाने कितने ही ऐसे दांव चले जिनकी कोई काट नहीं निकाल पाया।

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    मुलायम सिंह यादव की पहली पुण्यतिथि आज

    ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। अगर आप भारत की राजनीति के बारे में बात करना चाहते हैं तो आमजन में धरती पुत्र के नाम से विख्यात मुलायम सिंह यादव को नजरअंदाज नहीं कर सकते। अगर किसी को भारतीय राजनीति के दलदल में उतरना है तो उससे बचने के लिए मुलायम सिंह यादव के बारे में जानना होगा। इस विषय में मुलायम सिंह एक तरह से किताब हैं जिसको जितना पढ़ा जाए उतना कम ही है। मुलायम सिंह यादव का जन्म सैफई में 22 नवंबर 1939 में हुआ था। किशोर होते-होते उनको पहलवानी शौक चढ़ने लगा और शायद ये मुलायम सिंह यादव को भी नहीं पता होगा कि वह एक दिन उत्तर प्रदेश पर राज करेंगे और अपने दांव से अच्छे-अच्छे दिग्गजों को पटखनी देंगे।

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    मुलायम सिंह यादव की आज प्रथम पुण्यतिथि है और उनको उनके पैतृक गांव सैफई में श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस दौरान सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत दिग्गज पार्टी नेता मौजूद रहेंगे। मुलायम सिंह यादव ने काफी लंबी राजनीतिक पारी खेली जिसमें उन्होंने न जाने कितने ही ऐसे दांव चले जिनकी कोई काट नहीं निकाल पाया।

    1967 में मुलायम सिंह यादव पहली बार विधायक बने

    एक साधारण से परिवार से ताल्लु्क रखने वाले मुलायम सिंह के पिता का नाम सुघर सिंह यादव और माता का नाम मूर्ति देवी था। मुलायम सिंह ने साठ के दशक में भारतीय राजनीति में कदम रखा और 1967 में जब लोहिया के नेतृत्व में नौ राज्यों में पहली बार गैरकांग्रेसी सरकारें बनी थीं, तब मुलायम संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर यूपी विधानसभा के लिए चुने गए थे। 1967 में मुलायम सिंह यादव ने पहली बार के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीता और साथ ही संसद के सदस्य बन गए। मुलायम सिंह यादव ने 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993, 1996, 2004 और 2007 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीता।

    शिक्षक की नौकरी छोड़ आए राजनीति में

    इटावा के कर्म क्षेत्र पीजी कालेज से बीए, शिकोहाबाद के एके कॉलेज से बीटी और आगरा विश्वविद्यालय के बीआर कालेज से राजनीति विज्ञान से एमए की शिक्षा पूरी की। साथ ही मैनपुरी के करहल के जैन इंटर कालेज में शिक्षक के पद पर कार्य किया। नौकरी छोड़कर 1980 में उत्तर प्रदेश लोकदल के अध्यक्ष बने, जो बाद में जनता दल का एक घटक दल बना।

    यह भी पढ़ें- Mulayam Singh Yadav: 15 Points में पढ़ें नवंबर 1939 से अक्टूबर 2022 तक पूरा सफरनामा, देखें- यादगार तस्वीरें

    उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री बने

    मुलायम सिंह यादव 1989 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने, लेकिन 1991 में जनता दल टूटा गया। हालांकि 1993 में उन्होंने फिर यूपी में सरकार बनाई, ये सरकार भी मायावती के साथ टकराव के बीच कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी। तीसरी बार वो 2003 में मुख्यमंत्री बने और 2007 तक इस पद पर बने रहे। इनके बाद फिर सपा की सरकार आई तो अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बने।