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    'पब्लिक ट्रांसपोर्ट में महिलाओं की ड्यूटी रात में भी हो', पूर्व IPS अधिकारी किरण बेदी ने और क्या कहा?

    देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी और पुदुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल किरन बेदी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सार्वजनिक परिवहन को रात के समय महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने की अपील की। उन्होंने महिला चालकों-परिचालकों को लंबी दूरी और संवेदनशील रूटों पर नाइट ड्यूटी पर भेजने का सुझाव दिया ताकि महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात भी की।

    By Jagran News Edited By: Chandan Kumar Updated: Sat, 08 Mar 2025 10:53 PM (IST)
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    70 प्रतिशत महिलाएं सार्वजनिक परिवहन को अपने लिए सुरक्षित मानती हैं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी होने के कारण महिलाओं के लिए प्रेरणा-प्रतीक रहीं पुदुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल किरन बेदी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आवाज उठाई कि महिलाओं के लिए सार्वजनिक परिवहन को रात्रि में भी सुरक्षित बनाया जाए।

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    एसोसिएशन ऑफ स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग्स (एएसआरटीयू) के राष्ट्रीय समारोह में देशभर में आईं चुनिंदा महिला चालकों-परिचालकों को सम्मानित करते हुए उन्होंने दिल्ली के निर्भया कांड का उदाहरण दिया और कहा कि बसों में महिलाओं के साथ रात में ही घटनाएं होती हैं, इसलिए उन्हें सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराने के लिए संवेदनशील और लंबे रूट पर नाइट ड्यूटी महिला चालकों-परिचालकों की अधिक लगाई जाए।

    सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा

    इंडियन हैबिटेट सेंटर में आयोजित समारोह में एक सर्वे के निष्कर्ष को साझा करते हुए डॉ किरन बेदी ने कहा कि 70 प्रतिशत महिलाएं सार्वजनिक परिवहन को अपने लिए सुरक्षित मानती हैं, लेकिन जैसे ही उनसे रात्रि में सफर के संबंध में पूछा जाए तो यह भरोसा गिरकर 30 प्रतिशत पर आ जाता है। इसका कारण यही है कि महिलाओं के साथ बसों में घटनाएं रात के समय में ही होती हैं।

    नाइट ड्यूटी पर भेजी जाएं महिला चालक-परिचालक: किरण बेदी

    कार्यक्रम में उपस्थित राज्य सड़क परिवहन निगमों के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर देखते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि महिला चालकों-परिचालकों को दोगुणे वेतन और इंसेंटिव के साथ संवेदनशील और लंबी दूरी के मार्गों पर नाइट ड्यूटी पर भेजें। इससे महिला यात्री खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी। बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। महिला चालकों-परिचालकों से भी उन्होंने कहा कि जब हर मामले में महिला और पुरुष बराबर हैं तो महिलाएं नाइट ड्यूटी क्यों नहीं कर सकतीं? यह जिम्मेदारी उन्हें आगे बढ़कर लेनी चाहिए।

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