Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत में कौशल संकट: 88% कर्मचारी कर रहे कम योग्यता वाले काम, पढ़ें बिहार-यूपी-दिल्‍ली का हाल; रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे

    स्किल फॉर दी फ्यूचर रिपोर्ट की मानें तो भारत में लगभग 88% कार्यबल कम योग्यता वाले रोजगार कर रहा है जो कौशल विकास पर सरकार के फोकस के बावजूद चिंताजनक स्थिति दर्शाता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उच्च शिक्षित व्यक्ति भी निम्न कौशल वाले पदों पर आवेदन कर रहे हैं जिससे अल्परोजगार की समस्या उजागर होती है। किन राज्‍यों के हाल हैं सबसे खराब?

    By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Wed, 02 Jul 2025 07:48 PM (IST)
    Hero Image
    राज्यों में बिहार की स्थिति सबसे खराब और चंडीगढ़ की सबसे बेहतर है।

    जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। शैक्षणिक योग्यता के साथ कौशल विकास पर बीते करीब एक दशक से सरकार के जारी फोकस के बावजूद धरातल पर अभी भी वर्तमान स्थिति चिंताजनक दिखाई दे रही है।इंस्टीट्यूट फॉर कंपटीटिवनेस (Institute for Competitiveness) द्वारा जारी स्किल्स फॉर द फ्यूचर में आंकड़ों सहित दावा किया गया है कि वर्तमान में 88 प्रतिशत कामगार कम योग्यता स्तर का रोजगार कर रहे हैं। यदि शैक्षिक कुशलता की बात करें तो बिहार की स्थिति सबसे खराब है, जबकि चंडीगढ़ की स्थिति तुलनात्मक रूप से सबसे बेहतर आंकी गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पिछले दिनों केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने इस रिपोर्ट को जारी किया था। संस्थान ने आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) का विश्लेषण करते हुए भारतीय कार्यबल की संरचना की तस्वीर प्रस्तुत की है।

    रिपोर्ट के दिए आंकड़ों से पता चला कि 2023-24 में लगभग 88 प्रतिशत कार्यबल कम योग्यता वाले व्यवसायों में काम कर रहा है, जबकि केवल 10-12 प्रतिशत कामगार उच्च योग्यता वाली भूमिकाओं में लगे हुए हैं। अधिकतर श्रमिक ऐसी भूमिका में काम कर रहे हैं, जो उनके शिक्षा स्तर के अनुरूप नहीं हैं।

    एक्‍सपर्ट के मुताबिक,  हालात ये हैं कि या तो अति योग्यता के बावजूद उनके स्तर का काम नहीं मिल सका या फिर बड़े पैमाने पर कामगारों की योग्यता ही कम है। उसी का परिणाम है कि इंजीनियरिंग, स्नातकोत्तर योग्यता और यहां तक कि विशेष कौशल में डिग्री रखने के बावजूद स्नातक और उच्च शिक्षित व्यक्ति स्वीपर और चपरासी जैसे कम कौशल वाले ग्रुप डी पदों के लिए आवेदन कर रहे हैं। यह अल्परोजगार और मानव संसाधनों का उचित उपयोग न होने की तस्वीर दिखाता है।

    आय पर भी दिख रहा प्रभाव

    रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत के कार्यबल के भीतर आय वितरण में भी बड़ी असमानता सामने आ रही है। लगभग 4.24 प्रतिशत कार्यबल चार लाख और आठ लाख रुपये के बीच वार्षिक आय अर्जित करता है।

    यह वर्ग प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, वित्त और प्रबंधन जैसे विशेष क्षेत्रों में अत्यधिक कुशल पेशेवरों, वरिष्ठ अधिकारियों और व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है। उनकी आय का स्तर कर राजस्व और आर्थिक उत्पादकता में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

    इसके विपरीत लगभग 46 प्रतिशत कार्यबल सालाना एक लाख रुपये से कम कमाता है, जिसमें कृषि मजदूर, लिपिक कर्मचारी, कारखाने के कर्मचारी और छोटे पैमाने के सेवा प्रदाता जैसी भूमिकाएं शामिल हैं। यह आय समूह भारत के श्रम बाजार का एक बड़ा हिस्सा है

    क्‍या है राज्‍यों की स्थिति?

    निम्न शैक्षिक कौशल वाले शीर्ष राज्यों का शैक्षिक कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण का प्रतिशत यहां देखें.. 

    उच्च शैक्षिक कौशल वाले शीर्ष राज्यों का शैक्षिक कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण का प्रतिशत नीचें देखें..

    यह भी पढ़ें- ग्लोबल साउथ में भारत की धमक बढ़ाएगा पीएम मोदी का दौरा, रक्षा-कृषि समेत ऊर्जा पर होगी व्यापक बातचीत