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    Sukhdev Gogamedi murder case: एक राज्य से दूसरे राज्य में ठिकाना बदलते रहे हत्यारे, चार दिनों तक पुलिस को कैसे चकमा देते रहे शूटर्स?

    By Babli KumariEdited By: Babli Kumari
    Updated: Mon, 11 Dec 2023 09:54 AM (IST)

    Sukhdev Gogamedi murder case पिछले हफ्ते जयपुर में हिंदू दक्षिणपंथी समूह श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना (एसआरआरकेएस) के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में कथित तौर पर शामिल दो शूटरों को शनिवार देर रात चंडीगढ़ में गिरफ्तार किया गया। वहीं पुलिस से बचने में उनकी मदद करने वाले तीसरे व्यक्ति 23 वर्षीय उधम सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

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    राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (फाइल फोटो)

    ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। Sukhdev Gogamedi murder case: राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (Sukhdev Singh Gogamedi Murder) की बीते मंगलवार उनके जयपुर आवास पर अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारकर हत्या दी गई। इस मामले में अब तक दो शूटर्स और एक सहायता प्रदान करने वाले व्यक्ति को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया है। यह सभी देश से भागने के लिए चंडीगढ़ में पासपोर्ट का इंतजार कर रहे थे।

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    इस मामले में शामिल तीनों आरोपी में से नितिन फौजी और रोहित राठौड़ शूटर्स थे जबकि तीसरा, उधम सिंह इन दोनों को सहायता प्रदान कर रहा था। उधम सिंह ही वह व्यक्ति है जो सभी को भागने में मदद कर रहा था। यह सभी आरोपी हत्या के बाद से ही एक राज्य से दूसरे राज्य में छिप रहे थे। आरोपी नितिन फौजी महेंद्रगढ़ निवासी  हैं तो रोहित राठौड़, मकराना, राजस्थान का रहने वाला है और उधम सिंह, हिसार के रहने वाले हैं।

    चंडीगढ़ से पकड़ा गया गोगामेड़ी का दोनों हत्यारा 

    मकराना के 24 वर्षीय आरोपी रोहित राठौड़ और हरियाणा के महेंद्रगढ़ के 26 वर्षीय नितिन फौजी को राजस्थान पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) और दिल्ली पुलिस अपराध शाखा द्वारा किए गए संयुक्त अभियान के दौरान चंडीगढ़ के सेक्टर 22 में एक शराब की दुकान से पकड़ा गया।

    दिल्ली पुलिस की टीम ने शूटर्स पर रखी थी नजर

    दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र सिंह यादव ने कहा कि टीम उनके सोशल मीडिया और मोबाइल फोन के उपयोग के माध्यम से उन पर नजर रख रही थी।  उन्होंने आगे कहा कि फौजी और राठौड़ शूटर थे जिन्होंने सेना प्रमुख पर कम से कम 27 बार गोलियां चलाईं।  जबकि उधम सिंह, फौजी के पुराने दोस्तों में से एक था जिसने हिसार में उनके लिए वाहन की व्यवस्था की और उन्हें भागने में मदद की। फौजी और राठौड़ गोगामेड़ी से मिलने के बहाने उसके घर में घुसे थे और कुछ मिनट बात करने के बाद उन्होंने गोगामेड़ी पर गोलियां चला दीं। यहां तक कि उन्होंने अपने साथी नवीन शेखावत की भी गोली मारकर हत्या कर दी, जिसके माध्यम से उन्होंने करणी सेना प्रमुख के आवास तक पहुंच हासिल की थी।

    विदेश भागने की तैयारी में थे हत्यारे 

    पुलिस ने हत्यारों को लेकर बताया कि हत्या करने के बाद आरोपी भारत से भागने की योजना बना रहे थे। हालांकि, उनके पासपोर्ट उन तक पहुंचने से पहले, पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया। हत्या करने के बदले में उन्हें विदेश में एक अच्छा और बेहतर जीवन देने का वादा किया गया था। आरोपियों को टोकन मनी के रूप में लगभग 50,000 रुपये भी दिए गए थे ताकि वे हथियार आदि प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, हत्या करने के बाद उन्हें विदेश में बसने का आश्वासन दिया गया था। अपराधियों ने पुलिस ने बताया कि हत्या के आरोपियों को विदेश भेजने की पूरी व्यवस्था करने का वादा किया गया था और हत्या के बाद आरोपी इधर-उधर घूमकर पुलिस का समय बर्बाद कर रहे थे।

    गोवा और दक्षिण भारत की ओर भी जाने का था प्लान 

    पुलिस ने आगे बताया कि आरोपी कई जगहों पर घूमने के बाद चंडीगढ़ पहुंचे थे और चंडीगढ़ के बाद उन्होंने गोवा जाने की योजना बनाई थी। गोवा में कुछ दिन बिताने के बाद आरोपी का प्लान दक्षिण भारत की ओर जाने का था। इस दौरान उनसे वादा किया गया था कि उनके पासपोर्ट और वीजा बन जाएंगे। हालांकि, उनकी योजना को पुलिस ने विफल कर दिया और वे चंडीगढ़ में वे पकड़े गए। 

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