किलर कफ सीरप: अब तक 23 बच्चों की मौत, SIT जुटा रही जानकारी; अब तक क्या-क्या हुआ?
जहरीले कफ सीरप मामले में तमिलनाडु के अधिकारी भी आरोपित हो सकते हैं। श्रीसन फार्मास्युटिकल की अनियमितताओं पर औषधि प्रशासन विभाग ने ध्यान नहीं दिया। एसआईटी कंपनी मालिक रंगनाथन को तमिलनाडु ले जाएगी। टीम कंपनी के प्लांट पर जाकर साक्ष्य जुटाएगी और कर्मचारियों से पूछताछ करेगी। छिंदवाड़ा पुलिस ने रंगनाथन को रिमांड पर लिया है। एसआईटी औषधि प्रशासन विभाग की लापरवाही की भी जांच कर रही है।

39 गंभीर अनियमितताओं के बाद भी कंपनी चलती रही (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जहरीले कफ सीरप मामले में तमिलनाडु के अधिकारी भी आरोपित बनाए जा सकते हैं। कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल की अनियमितताओं पर तमिलनाडु के औषधि प्रशासन विभाग ने समय रहते ध्यान नहीं दिया। 39 गंभीर अनियमितताओं के बाद भी कंपनी चलती रही।
उधर, विषाक्त कफ सीरप 'कोल्ड्रिफ' बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल के मालिक जी. रंगनाथन से दो दिन की पूछताछ में मध्य प्रदेश एसआईटी कुछ खास नहीं निकलवा सकी। वह बार-बार यही दोहरा रहा है कि मेरी तरफ से कोई गलती नहीं हुई है। एसआईटी अब उसे लेकर तमिलनाडु जाएगी।
सोमवार को चेन्नई पहुंचेगी एसआईटी
सोमवार शाम तक एसआईटी रंगनाथन को लेकर चेन्नई पहुंच सकती है। एसआईटी के साथ औषधि निरीक्षकों की टीम भी जाएगी। जांच टीम पहली बार कंपनी के कांचीपुरम स्थित प्लांट पर जाएगी, जहां कोल्डि्रफ का निर्माण हो रहा था। तीन अक्टूबर को तमिलनाड़ु औषधि प्रशासन विभाग ने कंपनी सील कर दी थी।
अब एफआईआर में लगे आरोपों के आधार पर एसआईटी साक्ष्य एकत्र करेगी। उत्पादन और गुणवत्ता नियंत्रण का काम देख रहे कंपनी के अधिकारी-कर्मचारियों को रंगनाथन के साथ बैठाकर पूछताछ की जाएगी। एसआईटी के निशाने पर कंपनी के उक्त दोनों विभागों के अधिकारी-कर्मचारी भी हैं। इन्हें भी आरोपित बनाया जा सकता है।
पुलिस ने लिया है रिमांड पर
बता दें, छिंदवाड़ा पुलिस ने कोर्ट से 20 अक्टूबर तक के लिए रंगनाथन को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल की अनियमितताओं पर तमिलनाडु के औषधि प्रशासन विभाग ने समय रहते ध्यान नहीं दिया। 39 गंभीर अनियमितताओं के बाद भी कंपनी चलती रही।
एसआईटी के साथ गई औषधि निरीक्षकों ने वहां के औषधि प्रशासन विभाग से कंपनी में उनके द्वारा दो और तीन अक्टूबर को उत्पादन इकाई में की गई जांच की रिपोर्ट ली है। इसमें यह भी देखा जा रहा है कि औषधि प्रशासन विभाग ने क्या-क्या लापरवाही की। एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परीक्षण के बाद वहां के औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों को भी आरोपित बनाया जा सकता है।
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