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    शादी के चार दिन बाद दुल्हन का अपहरण, हुई पिता की मौत, सड़कों पर हंगामा, जानिए

    By Nitin AroraEdited By:
    Updated: Sat, 29 Jun 2019 08:38 PM (IST)

    25 जून को दुल्हन के पिता ने किशोरपुरा थाने में दर्ज करवाई एफआईआर में बताया था कि उसकी बेटी शोभा (20) ने 21 जून को गोलू सिंह से प्रेम विवाह किया। प्रेम ...और पढ़ें

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    शादी के चार दिन बाद दुल्हन का अपहरण, हुई पिता की मौत, सड़कों पर हंगामा, जानिए

    जयपुर, जेएनएन। राजस्थान के कोटा में शादी के चार दिन बाद ही बंदूक की नोक पर अगवा की गई दुल्हन के पिता की शनिवार को तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। इसके बाद कोटा में माहौल गरमा गया और परिजनों ने अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

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    बाद में परिजन शव को संभागीय आयुक्त कार्यालय के बाहर ले गए और वहां सडक पर शव रख कर जाम लगा दिया। हालांकि शाम को प्रशासन और प्रदर्शनकारियों में समझौता हो गया।

    दरअसल 25 जून को दुल्हन के पिता ने किशोरपुरा थाने में दर्ज करवाई एफआईआर में बताया था कि उसकी बेटी शोभा (20) ने 21 जून को गोलू सिंह से प्रेम विवाह किया। प्रेम विवाह में दोनों परिवारों की सहमति थी।

    शोभा और गोलू ने 25 जून को न्यायालय में प्रेम विवाह के कागजों पर हस्ताक्षर किए। 25 जून को न्यायालय की कार्रवाई के बाद शोभा उसकी सहेली निधि और उसके भाई कृष्णा के साथ घर के लिए निकली। दोपहर करीब 2 बजे वल्लभनगर में उनका पड़ोसी मोनू कार से आया और शोभा की गाड़ी के सामने कार लगा दी। मोनू पिस्टल दिखाकर तीनों को जबरन कार में बैठाकर ले गया।

    निधि और उसके भाई कृष्णा को कुन्हाड़ी स्थित लैंडमार्क सिटी में उतार दिया। सूचना पर परिजन कुन्हाड़ी थाने पहुंचे, जहां से पुलिस ने उन्हें घटनास्थल किशोरपुरा का होने से वहां भेज दिया। जहां पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज की। दुल्हन अपने विवाह से पहले भी 5 मार्च को घर से लापता हो गई थी। वह 11 मार्च को वापस आ गई थी। माता पिता ने पुलिस को बताया कि इसके बाद ही उसका प्रेम विवाह किया गया था।

    इस मामले में परिजनों का आरोप है कि पुलिस तीन दिन तक मामले को दबा कर बैठी रही। दुल्हन के पिता नवलकिशोर शुक्रवार को अपनी पीड़ा लेकर शहर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने बेटी को तलाश कर आरोपी को गिरफ्तार करने की गुहार लगाई और देर रात उनकी सदमे से मौत हो गई।बताया जा रहा है कि मोनू आपराधिक प्रवृत्ति का है।

    वह किशोरपुरा थाने का हिस्ट्रीशीटर भी बताया जा रहा है। पिता नवलकिशाोर की मौत के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने अस्पताल की मोर्चरी के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

    बाद में परिजन शव को लेकर संभागीय आयुक्त कार्यालय के बाहर जमा हो गए। वहां परिजनों और विभिन्न संगठनों के लोगों ने शव को आयुक्त कार्यायल के बाहर रखकर पुलिस-प्रशासन के खिलाफ रोष जताते हुए जमकर प्रदर्शन किया। परिजनों की मांग थी कि दुल्हन को तत्काल बरामद किया जाए और परिजनों को उचित मुआवजा दिलाया जाए।

    इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शनकारियों और प्रशासन के बीच लम्बी वार्ता के बाद शाम को परिजन दो लाख रूप्ए के मुआवजे, बच्चों की शिक्षा, और आश्रित बच्चों को नौकरी दिलाने में मदद का आश्वासन दिलाने पर राजी हो गए। वहीं आरोपियों की गिरफतारी के लिए पुलिस की टीमें भी रवाना कर दी गई।