'अब दोबारा नहीं आऊंगी', केरल में टैक्सी ड्राइवरों ने मुंबई की टूरिस्ट को किया प्रताड़ित तो बीच में ही छोड़ना पड़ा ट्रिप
मुंबई की एक पर्यटक जानवी को केरल के मुन्नार में टैक्सी चालकों ने परेशान किया, जिससे उन्हें अपनी यात्रा बीच में ही छोड़नी पड़ी। उन्हें ऑनलाइन टैक्सी का उपयोग करने से रोका गया और स्थानीय टैक्सी लेने के लिए मजबूर किया गया। पुलिस और पर्यटन विभाग से मदद न मिलने पर उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी आपबीती साझा की और कहा कि वह दोबारा केरल नहीं आएंगी।

मुंबई की महिला को केरल में असुरक्षित महसूस हुआ।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई की एक टूरिस्ट को केरल के मुन्नार में टैक्सी ड्राइवरों ने परेशान किया, जिससे उसे ट्रिप बीच में ही छोड़कर सुरक्षित जगह पर लौटना पड़ा। जानवी नाम की महिला को कथित तौर पर ऑनलाइन टैक्सी इस्तेमाल करने से रोक दिया गया और कोर्ट ऑर्डर का हवाला देकर लोकल टैक्सी लेने के लिए मजबूर किया गया।
मुंबई की असिस्टेंट प्रोफेसर जानवी को कथित तौर पर पुलिस या केरल टूरिज्म डिपार्टमेंट से कोई मदद नहीं मिली। जब उसने ऑनलाइन अपनी आपबीती बताई, तभी केस दर्ज किया गया।
'दोबारा केरल नहीं आऊंगी'
इंटरनेट पर शेयर किए गए तीन मिनट के वीडियो में, जानवी ने सबूतों के साथ घटना की डिटेल में बताया। वीडियो की शुरुआत में जानवी केरल की सुंदरता की तारीफ करती हैं लेकिन यह भी कहती हैं कि वह शायद दोबारा वहां न जाएं।
महिला प्रोफेसर ने कहा, "उनकी ट्रिप की शुरुआत कोच्चि और एलेप्पी से हुई, वहां के लोग बहुत अच्छे, बहुत दयालु और स्वागत करने वाले हैं। इसके बाद मैंने मुन्नार जाने का फैसला किया। इस फैसले ने इस ट्रिप को हमेशा याद रखने के मेरे तरीके को बदल दिया।"
क्या है मामला?
जब वह मुन्नार के लिए निकल रही थीं तो होस्ट ने उसे यूं ही बताया था कि मुन्नार में ऑनलाइन कैब (ओला या ऊबर) पिकअप की अनुमति नहीं है। जबकि जानवी ने इसे पहले ही बुक कर लिया था। इसके पीछे की वजह जाननी चाही तो बताया गया कि ऐसा टैक्सी यूनियन की वजह से है।
महिला ने कहा, "होस्ट ने हमें असल में चेतावनी दी थी कि अगर हम फिर जाना चाहते हैं तो हमें ड्राइवर को किसी दूसरी जगह पर बुलाना होगा और फिर उससे वहीं मिलना होगा। साथ ही यह भी पक्का करना होगा कि हम लोगों को कोई नोटिस न करे। पहुंचने के बाद जैसे ही हमने कैब में अपने बैग रखने शुरू किए, वैसे ही पांच से लोग आ गए।"
उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि वो लोग हमारा पीछा कर रहे थे। उन्होंने हमारे कैब ड्राइवर को धमकाना शुरू कर दिया और कहा कि वह हम लोगों को नहीं ले जा सकता। हमें उनकी भाषा समझ नहीं आ रही थी लेकिन उनके गुस्से को महसूस कर लिया था और बेहद असुरक्षित महसूस कर रहे थे।"
इसके बाद जानवी ने पुलिस को फोन किया लेकिन वहां से भी कोई मदद नहीं मिली। कहा जाता है, "उनकी यूनियन के लोगों से बात हो गई थी।" पुलिस ने उनसे कहा कि बुक की गई राइड की जगह वो लोग लोकल टैक्सी बुक करें। इसके बाद जानवी ने केरल टूरिज्म डिपार्टमेंट में फोन किया तो वहां से इसी तरह की बात की गई।
महिला प्रोफेसर ने कहा, "हर कोई हमसे एक ही बात कह रहा था कि तुम्हें इजाजत नहीं है। तुमको यह तय करने की इजाजत नहीं है कि तुम किसके साथ यात्रा करोगी। तुम्हें सुरक्षित महसूस करने की इजाजत नहीं है। तुम्हें अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है।"
बाद में, जब जानवी ने ऐसे किसी कोर्ट ऑर्डर के बारे में चेक किया, तो उन्हें पता चला कि केरल हाई कोर्ट ने ऑनलाइन टैक्सियों के पक्ष में फैसला सुनाया था क्योंकि "यह कस्टमर का कॉन्स्टिट्यूशनल अधिकार है कि वह तय करे कि वह किसके साथ ट्रैवल करना चाहता है।"
वीडियो के आखिर में उन्होंने कहा, "मुझे केरल बहुत पसंद आया। मुझे बहुत पसंद आया कि यह कितना खूबसूरत है। मुझे बहुत पसंद आया कि केरल के लोग कितने कमाल के हैं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैं ऐसी जगह वापस आ पाऊंगी जहां मुझे सुरक्षित महसूस करने की इजाजत नहीं है।"

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