Kerala Sunday lockdown Updates: केरल मे रविवार को लगा लाकडाउन, सिर्फ आवश्यक सेवाओं की अनुमति
Kerala Sunday lockdown Updates केरल में बढ़ते मामलों को देखते हुए रविवार को लाकडाउन लगा हुआ है। ऐसे में सिर्फ आवश्यक सेवाओं की इजाजत मिली हुई है। वहीं प्रदेश में नाइट कर्फ्यू भी लगा हुआ है। जानें सभी ताजा अपडेट।
तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। Kerala lockdown Updates: केरल में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए नाइट कर्फ्यू के साथ प्रत्येक रविवार को संपूर्ण लाकडाउन लगाया गया है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शनिवार को यह फैसला लिया था। हालांकि, उनका यह भी कहना है कि राज्य में संपूर्ण लाकडाउन नहीं लगाया जा सकता है क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था और आजीविका के लिए बड़ा सकंट पैदा हो जाएगा। ऐसे में रविवार को लागू किए लाकडाउन में सिर्फ आवश्यक सेवाओं की अनुमति प्रदान की गई है।
केरल में रोजना दर्ज हो रहे 30 हजार के करीब मामले
बता दें कि देश एक तरफ कोरोना की दूसरी लहर से बाहर आ रहा, लेकिन केरल और महाराष्ट्र् में बढ़ते मामले लगातार सरकार की चिंता बढ़ा रहे हैं। देश में रोजाना करीब 40 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इनमें केरल से 30 हजार हजार तो महाराष्ट्र में 4 हजार मामले शामिल हैं। हालांकि, संक्रमण की रफ्तार पर नियंत्रण करने के लिए राज्य सरकारों ने कई सख्त से सख्त पाबांदियां लागू की हुई है, हालांकि वह नाकाफी साबित हो रही है।
केरल में कोरोना संक्रमण के बीच निपाह वायरस
केरल में पिछले 24 घंटे के दौरान 29,682 कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए हैं। राज्य में 142 लोगों की मौत हुई थी। कोरोना संक्रमण के साथ ही राज्य के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस का एक मामला सामने आया है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने एनसीडीसी की एक टीम केरल भेजी है, जो आज वहां पहुंच रही है। टीम राज्य को तकनीकी सहयोग देगी। बता दें कि इस वायरस की वजह से 12 साल के एक लड़के की मौत हो गई है।
केरल में 6 सितंबर से शुरू होने वाली 11वीं की आफलाइन परीक्षा होने पर रोक
उधर, कोरोना के तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर से केरल में शुरू होने वाली 11वीं आफलाइन परीक्षा आयोजित करने के राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते राज्य में स्थिति चिंताजनक है। साथ ही कहा कि कि देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में से करीब 70 प्रतिशत केरल में हैं। ऐसे में बच्चों को जोखिम में नहीं डाला जा सकता है।