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    Green Coffee: क्या आपने ट्राय की ग्रीन कॉफी? केरल के 30 छात्रों ने किया अनोखा कारनामा; क्यों बढ़ रही इसकी मांग?

    Updated: Mon, 27 May 2024 03:05 PM (IST)

    केरल में कुछ स्टूडेंट्स ने हेल्थ को ध्यान में रखते हुए ग्रीन कॉफी पाउडर बनाया है। कलामासेरी में लॉरस इंस्टीट्यूट फॉर लॉजिस्टिक्स के छात्रों ने इसके बारे में जानकारी भी दी है। छात्रों ने कहा ग्रीन टी की पॉपुलैरिटी को देखते हुए वे अपने संस्थान में एक प्रोजेक्ट के रूप में ग्रीन कॉफी पाउडर लेकर आए। इसका मुख्य उद्देश्य अच्छे स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती मांग को पूरा करना है।

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    क्या आपने ट्राय की ग्रीन कॉफी? केरल के 30 छात्रों ने किया अनोखा कारनामा

    पीटीआई,कोच्चि। आजकल के समय में ग्रीन टी लोगों के बीच एक पसंदीदा ड्रिंक बन गई है। वहीं आज हम बात करेंगे 'ग्रीन कॉफी' के बारे में । केरल में कुछ स्टूडेंट्स ने हेल्थ को ध्यान में रखते हुए ग्रीन कॉफी पाउडर बनाया है। कलामासेरी में लॉरस इंस्टीट्यूट फॉर लॉजिस्टिक्स के छात्रों ने इसके बारे में जानकारी भी दी है।

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    छात्रों ने कहा, ग्रीन टी की पॉपुलैरिटी को देखते हुए वे अपने संस्थान में एक प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में ग्रीन कॉफी पाउडर लेकर आए।

    क्यों लाई गई ग्रीन कॉफी?

    उन्होंने कहा कि इस नए पदार्थ का मुख्य उद्देश्य अच्छे स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती मांग को पूरा करना है। साथ ही स्वास्थ्य और कल्याण पर बढ़ते फोकस का लाभ उठाना है।

    छात्रों ने दावा किया कि एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन कॉफी मेटोबॉलिज्म को बढ़ावा देती है और डायबिटीज,कोलेस्ट्रॉल और बॉडी वेट को मेंटेन रखती है। बता दें, छात्रों को इस प्रोडेक्ट के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से सर्टिफिकेट भी मिला है।

    30 छात्रों ने ऐसे तैयार किया पाउडर

    छात्रों का कहना है कि ग्रीन कॉफ़ी पाउडर का एक नया ब्रांड विकसित करना हमारे लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती थी। बता दें कि यह संस्थान का 2020 बैच था जिसने ग्रीन कॉफी के लाभों को ठीक से पहचाना। 30 सदस्यों का ये बैच अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया और ग्रीन कॉफी पर कोई भी फैसला लेने से पहले विभिन्न कारणों का पता लगाया गया।

    हालांकि ये स्वास्थ्य के लिहाज से काफी लाभदायक है, लेकिन फिर भी शुरुआत में इसका टेस्ट लोगों को इतना प्रभावित नहीं कर पाया,जिस वजह से छात्र चिंता में आ गए थे। मिली जानकारी के मुताबिक, कॉफी पाउडर का टेस्ट अच्छा करने के लिए इसमें पुदीना, इलायची, गुलाब आदि की मिलावट की गई, लेकिन जब देखा गया ये सब डालने से ग्रीन कॉफी की शेल्फ लाइफ 6 महीना कम हो रही है। तो इसके तरह के प्रोडेक्ट को बंद कर दिया।

    छात्र अब इस फैक्ट से मोटिवेट हैं कि ग्राहक कम से कम दो पैक से लाभ मिलने के बाद भी इसे खरीदना चाहते हैं। कॉलेज के चेयरमैन ने ये जानकारी दी है।

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