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    School Holidays: ''अब नहीं चाहिए और छुट्टी...'', केरल के वायनाड में छुट्टियों से तंग आई छात्रा, जिलाधिकारी से की इस बात की अपील

    By Arijita SenEdited By:
    Updated: Tue, 09 Aug 2022 03:30 PM (IST)

    सफूरा ने वायनाड की जिलाधिकारी ए गीता से ईमेल के जरिए संपर्क किया और बुधवार को छुट्टी की घोषणा न करने की अपील की। लगातार मिल रही छुट्टियों से वह परेशान हो गई है। उसे घर पर रहना अब अच्‍छा नहीं लग रहा है। अपने दोस्‍तों से मिलना चाहती है।

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    केरल के एक शिक्षण संस्‍थान में पढ़ने वाली इस छात्रा का नाम सफूरा नौशाद है

    वायनाड (केरल), एजेंसी। यह आमतौर पर माना जाता है कि छुट्टियों का नाम सुनते ही बच्‍चे खुश हो जाते हैं। लेकिन हर बात ऐसा ही हो यह जरूरी भी नहीं। केरल के वायनाड जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जब लगातार मिल रही छुट्टियों से एक छात्रा इस कदर तंग आ गई कि उसने जिलाधिकारी से संपर्क करना उचित समझा। 

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    केरल में छठवीं कक्षा में पढ़ने वाली इस बच्‍ची ने साबित कर दिया कि छुट्टियां मिलने से सभी बच्‍चों को खुशी नहीं होती है। उसने जिलाधिकारी से एक के बाद एक छुट्टियों का ऐलान न करने की अपील की।

    केरल के एक शिक्षण संस्‍थान में पढ़ने वाली इस छात्रा का नाम सफूरा नौशाद है। सफूरा ने रविवार को वायनाड की जिलाधिकारी ए गीता से ईमेल के जरिए संपर्क किया और बुधवार को छुट्टी की घोषणा न करने की अपील की।

    जिलाधिकारी को बच्‍ची की यह अनोखी मांग बेहद भा गई और उन्‍होंने खुशी-खुशी अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर इस ईमेल का एक स्‍क्रीनशॉट साझा किया जो इस वक्‍त सोशल मीडिया पर वायरल है।

    बच्‍ची ने इस ईमेल में कहा है, लगातार चार दिन तक घर में रहना काफी मुश्किल है। प्‍लीज रविवार क्‍लास रहने दें।

    वीकेंड की छुट्टियों के बाद लगातार हो रही बारिश को देखते हुए प्रशासन की तरफ से सोमवार को भी छुट्टियों का ऐलान किया गया। 

    इसके बाद मंगलवार को मुहर्रम की छुट्टी है यानि कि वायनाड में स्‍कूल लगातार चार दिनों तक बंद रखे गए हैं। यही वजह है कि छात्रा को मजबूरन जिलाधिकारी को ईमेल भेजकर अपने मन की बात कहनी पड़ी।

    इस पर छात्रा की सराहना करते हुए जिलाधिकारी ने कहा है, ''हमारे बच्‍चे काफी स्‍मार्ट, उनकी दुनिया भी काफी बड़ी है।''

    उन्‍होंने कहा, ''देश और इस दुनिया का भविष्‍य इनके सुरक्षित हाथों में है। माता-पिताओं, शिक्ष‍क-शिक्षिकाओं, सरकार और इस समाज को नई पीढ़ी पर गर्व का अनुभव करना चाहिए।''