दुष्कर्म में आरोपित बिशप के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली नन बर्खास्त
एफसीसी ने नियम के विपरीत कार खरीदने व किताब प्रकाशित कराने का भी लगाया आरोप। ...और पढ़ें

कोच्चि, प्रेट्र। केरल में दुष्कर्म में आरोपित जालंधर क्षेत्र के बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल नन लूसी कलप्पुरा को 'फ्रांसिस्कन क्लारिस्ट कांग्रेगैशन (एफसीसी) यानी धर्मसभा ने निष्कासित कर दिया है। कलप्पुरा पर एफसीसी के नियमों के विपरीत कार खरीदने, कविताओं की किताब प्रकाशित कराने, कर्ज लेने व प्रतिकूल जीवनशैली अपनाने के भी आरोप हैं।
रोमन कैथोलिक चर्च के अंतर्गत आने वाली धर्मसभा ने कहा कि नन को धर्मोचित चेतावनी दी गई थी। धर्मसभा की प्रमुख एन. जोसफ की ओर से पांच अगस्त को आरोपित नन कलप्पुरा को पत्र जारी किया गया है।
इसके मुताबिक, 'वह एफसीसी के नियमों का उल्लंघन करने वाली जीवनशैली अपनाने के मामले में संतोषजनक जवाब देने में विफल रहीं। इसलिए, उन्हें धर्मसभा से बर्खास्त किया जाता है।' हालांकि, नन दस दिनों के भीतर इस आदेश के खिलाफ अपील कर सकती हैं।
पत्र में लिखा गया कि नन को उचित समय पर चेतावनी दी गई थी, लेकिन उन्होंने कोई पछतावा व्यक्त नहीं किया। इसलिए, 11 मई को धर्मसभा की आम परिषद की बैठक में कलप्पुरा को सर्वसम्मति से बर्खास्त करने का फैसला किया गया।
जनवरी में जारी नोटिस में कलप्पुरा पर नियमों के विपरीत ड्राइविंग लाइसेंस लेने, कार खरीदने, कर्ज लेने, किताब प्रकाशित करने और वरिष्ठों की जानकारी के बिना धन खर्च करने समेत 14 आरोप लगाए गए थे।
प्रदर्शन के बाद से थी निशाने पर
आइएएनएस के अनुसार, दुष्कर्म के आरोपित बिशप की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन के बाद से ही नन कलप्पुरा चर्च के अधिकारियों के निशाने पर आ गई थीं। उन्हें चर्च से नोटिस आने शुरू हो गए थे। मीडिया से बातचीत में नन कलप्पुरा ने धर्मसभा के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, 'मैंने कभी कोई गलत काम नहीं किया। मैंने जो भी किया वह प्रदर्शन कर रहीं लाचार नन के समर्थन में किया। मेरा कार खरीदना व किताब लिखना गुनाह कैसे है? अब मैं अपने शुभचिंतकों की मदद से कानूनी कार्रवाई करूंगी।'

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।