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    Kerala: विदेश सचिव नहीं, केरल सरकार ने वरिष्ठ IAS ऑफिसर वासुकी को दी है ये जिम्मेदारी

    Updated: Mon, 22 Jul 2024 12:04 AM (IST)

    केरल में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के. वासुकी की नियुक्ति को लेकर हंगामा मचा हुआ है। भाजपा इसको लेकर सीपीआई (एम) की नेतृत्व वाली एलडीएफ गठबंधन की सरकार पर हमलावर है। उनका आरोप है कि केरल सरकार ने के वासुकी की नियुक्ति विदेश सचिव के रूप में की है जो उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इस मामले में अब केरल सरकार की सफाई सामने आई है।

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    केरल में एक आईएएस अधिकारी के. वासुकी की नियुक्ति को लेकर हंगामा मचा हुआ है।

    पीटीआई, तिरुवनंतपुरम। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के. वासुकी को 'विदेशी सहयोग' से संबंधित अतिरिक्त कार्यभार सौंपने के लिए भाजपा द्वारा आलोचना किए जाने के एक दिन बाद केरल सरकार ने रविवार को 2016 के लोकसभा दस्तावेज का हवाला देते हुए जवाब दिया।

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    केरल सरकार ने कहा कि लोकसभा दस्तावेज में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्यात, पर्यटन को बढ़ावा देने और विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद करने के लिए एक नए विभाग के बारे में बात की थी। प्रदेश भाजपा ने शनिवार को आईएएस अधिकारी को विदेश मामलों का प्रभारी बनाने के लिए एलडीएफ सरकार की आलोचना की थी और इसे राज्य में 'विदेश सचिव' की नियुक्ति करार दिया था।

    इस पर मुख्य सचिव ने जवाब दिया था कि यह कोई नई बात नहीं है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने रविवार को तत्कालीन विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह द्वारा पांच मई, 2016 को दिए गए प्रश्न का उत्तर साझा किया।

    इसमें उन्होंने कहा था कि मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए अक्टूबर 2014 में एक नया विभाग-राज्य विभाग स्थापित किया है। इसका उद्देश्य उनके निर्यात और पर्यटन को बढ़ावा देने तथा अधिक विदेशी निवेश को आकर्षित करने के प्रयासों को और सुविधाजनक बनाना है।

    विकास के लिए नए संबंध बनाने का प्रयास

    समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, केरल के मुख्य सचिव डॉ. वी.वेणु ने स्पष्ट किया कि विदेश मामलों के प्रभारी के तौर पर के. वासुकी की नियुक्ति राज्य के विकास के लिए नए संबंध स्थापित करने के प्रयास का हिस्सा है।

    उन्होंने कहा कि ऐसे और भी महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिन पर जनता चर्चा कर सकती है और उन्हें इस तरह की 'फर्जी खबरों' पर समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। उन्होंने पोस्ट किया कि सरकार में बैठे लोग इस बुनियादी तथ्य से अनभिज्ञ नहीं हैं कि विदेशी मामले केंद्र सरकार का विषय है।